ट्रंप-पुतिन के बीच करीब दो घंटे तक फोन पर हुई बातचीत, यूक्रेन युद्ध खत्म करने पर महामंथन
- डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन के बीच यूक्रेन की शांति को लेकर अहम बातचीत लगभग दो घंटे तक चली। इस बातचीत पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुईं थीं।

यूक्रेन-रूस के बीच शांति समझौते को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अहम बातचीत संपन्न हो चुकी है। यह बातचीत लगभग दो घंटे तक चली, जिसमें यूक्रेन युद्ध पर 30 दिन के संघर्षविराम की संभावना पर चर्चा हुई। इस बातचीत को लेकर क्रेमलिन ने कहा कि रूस-यूक्रेन के बीच शांति समझौते को लेकर पुतिन अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ संपर्क में बनाए रखेंगे। साथ ही केमलिन ने यूक्रेन के साथ शांतिपूर्वक समाधान के लिए प्रतिबद्धता भी जताई। हालांकि, बातचीत के बाद व्हाइट हाउस और क्रेमलिन ने इसके परिणामों पर कोई विस्तृत बयान नहीं दिया।
गौरतलब है कि बातचीत से पहले ट्रंप ने संकेत दिए थे कि वह पुतिन से उन क्षेत्रों और बिजली संयंत्रों के बारे में चर्चा करेंगे जो तीन साल से जारी युद्ध में कब्जे में आ चुके हैं। इस कॉल से पहले ही अमेरिकी प्रशासन ने संघर्षविराम योजना पर यूक्रेन को राजी कर लिया था, लेकिन यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की अब भी आशंकित हैं कि रूस वास्तव में शांति के लिए तैयार है या नहीं।
ट्रंप पूरा करेंगे अपना वादा?
बता दें ट्रंप ने इस संघर्ष को जल्द समाप्त करने का वादा किया था, भले ही इसके लिए उन्हें कुछ पारंपरिक अमेरिकी सहयोगियों की नाराजगी झेलनी पड़े। व्हाइट हाउस की ओर से विशेष दूत स्टीव विटकॉफ पहले ही मास्को जाकर पुतिन से इस प्रस्ताव पर चर्चा कर चुके थे। इस बीच, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने सऊदी अरब में यूक्रेनी अधिकारियों को संघर्षविराम समझौते पर सहमत होने के लिए मना लिया।
रूस ने भी रखी थी शर्त
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने हाल ही में इस प्रस्ताव पर सैद्धांतिक रूप से सहमति जताई थी, लेकिन साथ ही उन्होंने यह स्पष्ट किया कि रूस को यह गारंटी चाहिए कि यूक्रेन इस युद्धविराम का उपयोग अपने सैन्य बल को फिर से मजबूत करने के लिए नहीं करेगा। पुतिन ने यह भी शर्त रखी कि यूक्रेन नाटो में शामिल होने के अपने इरादे को छोड़ दे, अपनी सेना को कम करे और रूसी भाषा एवं संस्कृति की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
वहीं यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की इस संघर्षविराम को लेकर आशंकित हैं। उन्होंने सोमवार को अपने वीडियो संबोधन में कहा कि पुतिन इस युद्ध को खींचने की कोशिश कर रहे हैं। जेलेंस्की ने कहा, “अब, एक हफ्ते बाद, यह पूरी दुनिया को स्पष्ट हो चुका है कि यह युद्ध पुतिन ही खींच रहे हैं।” यूक्रेन ने पिछले साल अगस्त में रूस के खिलाफ एक बड़ा सैन्य अभियान चलाकर 1,300 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र वापस हासिल किया था, लेकिन हालिया महीनों में रूसी सेना ने फिर से बढ़त बना ली है। अमेरिकी प्रशासन का मानना है कि यूक्रेन अब रक्षात्मक स्थिति में है और रूस के साथ किसी न किसी तरह की संधि करना उसकी मजबूरी बन सकती है।
बातचीत से संतुष्ट नहीं जेलेंस्की
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की इस बातचीत से संतुष्ट नहीं हैं। उनका मानना है कि पुतिन केवल समय खींच रहे हैं और युद्ध को खत्म करने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है। जेलेंस्की ने अपने वीडियो संदेश में कहा, "पुतिन ही इस जंग को खींच रहे हैं।" दूसरी तरफ, ट्रंप के रुख को लेकर अमेरिकी सहयोगी भी चिंतित हैं। उन पर आरोप लग रहे हैं कि उनकी रणनीति यूक्रेन के खिलाफ और रूस के पक्ष में झुक रही है। ट्रंप ने कुछ समय के लिए यूक्रेन को दी जा रही सैन्य सहायता रोक दी थी, हालांकि बाद में इसे फिर से बहाल कर दिया गया।
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