हार्वर्ड को चिट्ठी लिख बुरी फंसी अमेरिकी शिक्षा मंत्री, गलतियों का अंबार दिखा लोग बोले- अनपढ़
ट्रंप प्रशासन और हार्वर्ड के बीच विवाह तब बढ़ा, जब ट्रंप प्रशासन ने बीते कुछ महीनों से हार्वर्ड और अन्य बड़े विश्वविद्यालयों पर यह आरोप लगाया कि वे अपने-अपने कैंपस में यहूदी-विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं। हालांकि हार्वर्ड ने इसका विरोध किया।

पिछले कुछ हफ्तों से अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के साथ विवादों को लेकर चर्चा में रही है। ट्रंप सरकार ने यूनिवर्सिटी को ना सिर्फ 2.2 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के दिए जाने वाले अनुदान पर रोक लगा दी है बल्कि अन्य छूट भी रद्द कर दी हैं। इसी कड़ी में ट्रंप की करीबी और अमेरिका की शिक्षा मंत्री लिंडा मैकमोहन ने यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ. एलन गार्बर को एक सख्त चेतावनी भरी चिट्ठी लिखी है लेकिन उनकी चिट्ठी ने इंटरनेट पर उन्हीं का मजाक बनाकर रख दिया है।
उनकी चिट्ठी अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है, जिसमें तीन पन्नों की उनकी चिट्ठी को लाल रोशनी वाले कलम से एक प्रोफेसर की तरह एडिट किया गया है, जिसमें गलियों का भारी अंबार है। इसमें वर्तनी की गलतियों से लेकर गलत वाक्यांश, वाक्य संरचना और गलत जगहों पर कैपिटल लेटर का इस्तेमाल समेत कई त्रुटियां हैं, जिसे लाल निशान से घेरा गया है और उसे संपादित किया गया है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही चिट्ठी
सोशल मीडिया पर अब इस संपादित चिट्ठी को शेयर कर लोग लिंडा मैकमोहन की खिल्ली उड़ा रहे हैं। कोई उन्हें अनपढ़ बता रहा है तो कोई स्कूल बच्चे से भी गया गुजरा बता रहा है। एक यूजर ने लिखा है कि क्या ये अमेरिका की शिक्षा मंत्री हैं? वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा है कि अजीब बात ये है कि अमेरिका की शिक्षा मंत्री अशिक्षित हैं। एक अन्य यूजर ने मंत्री की आलोचना करते हुए लिखा है, “क्या यह किसी हाई स्कूल के बच्चे ने लिखा है?”
पिछले महीने ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड को फंड रोका
ट्रंप प्रशासन ने 11 अप्रैल को हार्वर्ड को लिखे पत्र में विश्वविद्यालय में व्यापक सरकारी और नेतृत्व सुधारों का तथा प्रवेश नीतियों में बदलाव का आह्वान किया था, जिसके तहत विश्वविद्यालय से परिसर में विविधता के बारे में विचारों की जांच करने और कुछ छात्र क्लबों को मान्यता देना बंद करने की भी मांग की गई थी। हार्वर्ड के अध्यक्ष एलन गार्बर ने कहा कि विश्वविद्यालय मांगों के आगे नहीं झुकेगा। कुछ ही घंटों बाद सरकार ने अरबों डॉलर की संघीय निधि पर रोक लगा दी।
इसके खिलाफ हार्वर्ड ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बोस्टन संघीय अदालत में दायर मुकदमे में कहा गया है कि सरकार ने यहूदी विरोधी चिंताओं और चिकित्सा, वैज्ञानिक, तकनीकी एवं अन्य शोध के बीच किसी भी तर्कसंगत संबंध की पहचान नहीं की है और न ही सरकार यह कर सकती है। इसमें आगे कहा गया है, ‘‘सरकार ने ना ही इस बात को स्वीकार किया है कि संघीय अनुसंधान निधि में अरबों डॉलर की अनिश्चितकालीन रोक से हार्वर्ड के अनुसंधान कार्यक्रमों, उस अनुसंधान के लाभार्थियों और अमेरिकी नवाचार तथा प्रगति को आगे बढ़ाने में राष्ट्रीय हित पर क्या प्रभाव पड़ेगा।’’ कुछ ही घंटों के भीतर ‘व्हाइट हाउस’ ने जवाबी कार्रवाई की।
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता हैरिसन फील्ड्स ने सोमवार को एक ईमेल में कहा, ‘‘संघर्षरत अमेरिकी परिवारों से प्राप्त धन से अपने अत्यधिक वेतन वाले नौकरशाहों को समृद्ध बनाने वाली हार्वर्ड जैसी संस्था को दिए जाने वाले संघीय अनुदान सहायता का लाभ समाप्त होने जा रहा है।’’
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