कश्मीर की बुकिंग रद्द कराने लगे लोग, एक दिन में 70% टूर हो गए कैंसल; CM अब्दुल्ला चिंतित
डीजीसीए और नागरिक उड्डयन मंत्रालय अतिरिक्त उड़ानों की व्यवस्था व्यवस्थित कर रहे हैं। दूसरी तरफ श्रीनगर और जम्मू के बीच एनएच-44 को फिर से जोड़ दिया गया है, ताकि पर्यटक जल्द से जल्द वापसी कर सकें।
पहलगाम में हुए आंतकी हमले ने पलक झपकते ही कश्मीर की टूरिज्म इंडस्ट्री को तबाह कर दिया है। फिलहाल पूरे पर्यटन सीजन के लिए पर्यटकों ने अपनी बुकिंग रद्द करानी शुरू कर दी है। इससे ट्रैवल ऑपरेटर्स को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। हालात ऐसे हो गए हैं कि बुकिंग कैंसल कराने से एक दिन में 70 फीसदी तक टूर रद्द हो गए हैं। राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी कहा है कि राज्य से पर्यटकों का पलायन देखकर दिल टूट गया है।
दूसरी तरफ अमरावती के एक टूर ऑपरेटर को 38 लाख रुपए का नुकसान हुआ है, क्योंकि पहलगाम हमले की वजह से लोगों ने अपनी बुकिंग कैंसल कर दी है। जम्मू रेलवे स्टेशन पर श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सरस्वती धाम के एक कोने में चुपचाप बैठे, अमरावती के 'ईश्वर ट्रैवल्स' में काम करने वाले 29 वर्षीय टूर मैनेजर शुभम रवींद्र वडकर ने बताया कि उनके फर्म को अब लाखों रुपये का भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
पर्यटकों को मनाता दिखा टूर मैनेजर
वह युवक बहुत परेशान दिखा और स्थिति को संभालने की कोशिश करता रहा। वह अपने ग्राहकों को माता वैष्णो देवी मंदिर और जम्मू में अन्य पर्यटक स्थलों पर जाने के लिए मनाने की कोशिश करता देखा गया। उसने बताया कि हम पहले भी महाराष्ट्र से पर्यटकों को कश्मीर लाते थे, लेकिन अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद हम सुरक्षित और निश्चिंत महसूस कर रहे थे लेकिन मंगलवार के हमले ने पलभर में सब तबाह कर दिया। वडकर ने बताया कि वह अमरावती से 40 लोगों का एक समूह लेकर आया है। हमले के बाद, वह किसी तरह उन पर्यटकों को मुगल रोड के रास्ते जम्मू वापस लाने में कामयाब रहा।
25 अप्रैल को जाना था पहलगाम
वडकर ने बताया, "16 अप्रैल को इसी समूह ने पहलगाम में बहुत अच्छा समय बिताया लेकिन मंगलवार को पलक झपकते ही पूरा मंजर पलट गया।" उस मैनेजर ने बताया कि 25 अप्रैल और 30 अप्रैल को 40-40 पर्यटकों के तीन और समूहों को पहलगाम ले जाना था लेकिन अब सभी ग्राहकों ने अपनी बुकिंग रद्द कर दी है।" उसने बताया कि 'ईश्वर ट्रैवल्स' कश्मीर की आठ दिनों की यात्रा के लिए प्रत्येक पर्यटक से 32000 रुपये लेता है, जिसमें यात्रा, रहना और खाना शामिल होता है। उन्होंने बताया कि पहलगाम हमले के बाद 40 पर्यटकों के तीन समूहों ने अपनी बुकिंग रद्द कर दी है, जिससे 38 लाख रुपये का भारी नुकसान हुआ है।"
बुकिंग 70 फीसदी तक कैंसल
जम्मू में पार्टनरशिप के तहत 'एप्पल टूर एंड ट्रैवल्स' चलाने वाले 50 वर्षीय अमनीश शर्मा ने कहा कि उनकी बुकिंग में 70 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा, "हम हाई कैटगरी के पर्यटकों को एसी कैब की सुविधा उपलब्ध कराते हैं। हम खुश थे कि व्यापार में तेजी आने लगी है, लेकिन अब सब कुछ अचानक खत्म हो गया है। केवल एक दिन में हमारी 70 फीसदी बुकिंग रद्द हो गई है।"
बिहार के पटना से 10 परिवार के सदस्यों के साथ आए 46 साल के पर्यटक सुरेश कुमार ने बताया कि वे माता वैष्णो देवी के दर्शन करने गए थे और पहलगाम जाने की योजना बना रहे थे लेकिन अब वहां नहीं जा रहे। उन्होंने कहा, "कोई पागल ही होगा जो वहां जाने के बारे में अभी सोच सकता है।" पटना से 58 वर्षीय एक अन्य पर्यटक अनिल कुमार शर्मा, जो अपने दो दोस्तों के साथ वैष्णो देवी मंदिर से लौटे थे, ने कहा कि 2014 से जम्मू-कश्मीर में स्थिति में सुधार हो रहा था। उन्होंने कहा, “पिछले साल अक्टूबर में उमर अब्दुल्ला के सत्ता में आने के बाद से फिर से आतंकी हमले होने लगे हैं।”
अमरनाथ यात्रा पर केंद्र सरकार से खास अपील
ऑल जम्मू होटल्स एंड लॉज एसोसिएशन के अध्यक्ष इंद्रजीत खजूरिया ने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले से आगामी अमरनाथ यात्रा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने कहा, "मैं केंद्र से जोरदार अपील करता हूं कि आगामी तीर्थयात्रा को सेना को सौंप दिया जाए ताकि लोगों में कोई डर न रहे।" दरअसल, मंगलवार को पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद हजारों पर्यटक कश्मीर छोड़ रहे हैं। अधिकारी भी पर्यटकों को उनके गृह राज्यों में सुरक्षित वापस भेजने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।
इस बीच, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पर्यटकों का राज्य से पलायन देखना “दिल दहला देने वाला” है। पहलगाम में कल हुए दुखद आतंकी हमले के बाद घाटी से हमारे मेहमानों का पलायन देखना दिल दहला देने वाला है, लेकिन साथ ही हम पूरी तरह से समझते हैं कि लोग क्यों जाना चाहते हैं।
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