Rajan Ji Maharaj Shares Bharat s Exemplary Love for Ram in Shri Ram Katha हर छोटे भाई को भरत की तरह बड़े भाई से प्रेम होना चाहिए-राजनजी महाराज, Bokaro Hindi News - Hindustan
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हर छोटे भाई को भरत की तरह बड़े भाई से प्रेम होना चाहिए-राजनजी महाराज

चित्र परिचय:27:28: गुरुवार को सेक्टर 4 मजदूर मैदान में कथा सुनाते राजन जी महाराज व झूमते श्रद्धालु। 30: श्रीराम कथा के दौरान स्थानीय लोक गायिका रंजना

Newswrap हिन्दुस्तान, बोकारोFri, 4 April 2025 03:34 AM
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हर छोटे भाई को भरत की तरह बड़े भाई से प्रेम होना चाहिए-राजनजी महाराज

सेक्टर 4 के मजदूर मैदान में चल रहे श्रीराम कथा के दौरान गुरुवार को राजनजी महाराज ने श्रीभरत प्रसंग सुनाया। कहा कि रामजी का वनवास माता पिता की आज्ञा से था। माता जानकी पत्निधर्म का निर्वाह कर रही थी व लक्ष्मण सेवक धर्म का पालन कर रहे थे। लेकिन भरत का प्रभु राम को माता जानकी व लक्षमण को वन से वापस लाने के लिए वन-गमन प्रेम धर्म है। यह धर्म सबसे पवित्र है। इसमें नियम गौण हो जाते है और रह जाता है तो बस प्रेम। भरत चरित्र पर बोलते हुए जब राजन जी महाराज ने उक्त बातें कही। राजन जी ने आगे कहा कि भरत स्वयं को उत्पन्न सभी परिस्थितियों का दोषी मान रहे थे। लेकिन प्रभु राम ने उन्हें गले लगाकर यह संदेश दिया कि यह सब लीला है और लीलाएं प्रभु-रचना होती है।

भरत का चरित्र श्रेष्ठ है और अनुकरणीय है। हर छोटे भाई को भरत की तरह बड़े भाई से प्रेम होना चाहिए। लेकिन यह भाव बड़े भाई के प्रेरणा और प्रेम से ही उत्पन्न होता है। आज जब परिवारों में भाई भाई एक दूसरे से प्रेम का भाव नही रख पाते तो विश्वास नही होता कि यह उसी भरत का भारत है जिन्होंने भाई भाई के प्रेम का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया।

जिन घरों में भाई भाई साथ बैठकर ठहाके लगाते है उन घरों को किसी डॉक्टर की जरूरत नही पड़ती।

माता शबरी व प्रभु राम मिलन के प्रसंग का उदाहरण देते हुए राजन जी ने सभी को संदेश दिया कि विश्वास ही प्रेम है। माता शबरी को पूर्ण विश्वास था कि राम उनके कुटिया में आएंगे इसलिए हर दिन वो अपनी कुटिया तक आने का रास्ता बुहारती रही। शबरी के आश्रम जाकर चक्रवर्ती सम्राट के वनवासी पुत्र ने यह संदेश दिया कि उन्हें अपनी प्रजा से सीधे जुड़ना चाहिए। इस दौरान स्थानीय लोक गायिका रंजना राय ने भी भक्ति गीत गाकर सभी को मंत्रमुग्ध किया। शुक्रवार को विश्राम सत्र की कथा सुबह 10 बजे से शुरु होगी। सुंदरकांड व राम राज्याभिषेक की कथा राजन जी सुनाएंगे और नव दिवसीय कथा विश्राम लेंगे।

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