Electric Shock Kills 12 Sheep in Lemre Village Villagers Demand Compensation and Action सारंडा के लेम्ब्रे गांव में बिजली करंट से 12 भेड़ों की दर्दनाक मौत, ग्रामीणों में आक्रोश, Chaibasa Hindi News - Hindustan
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सारंडा के लेम्ब्रे गांव में बिजली करंट से 12 भेड़ों की दर्दनाक मौत, ग्रामीणों में आक्रोश

गंगा पंचायत के लेम्ब्रे गांव में बिजली खंभे से फैले करंट के कारण 12 भेड़ों की मौत हो गई। ग्रामीणों ने घटना के तुरंत बाद बिजली विभाग और स्थानीय अधिकारियों को फोन किया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।...

Newswrap हिन्दुस्तान, चाईबासाSun, 4 May 2025 09:36 AM
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सारंडा के लेम्ब्रे गांव में बिजली करंट से 12 भेड़ों की दर्दनाक मौत, ग्रामीणों में आक्रोश

गुवा । सारंडा के गंगदा पंचायत अंतर्गत लेम्ब्रे गांव में गुरुवार की रात दर्द और लाचारी का मंजर देखने को मिला, जब बिजली खंभे से फैले करंट की चपेट में आकर ग्रामीणों की 12 भेड़ें तड़प-तड़प कर मर गईं। गांव के निवासी देवेन्द्र चाम्पिया ने बताया कि दर्जनों बकरी-भेड़ें रोज़ की तरह बिजली खंभे के पास आराम कर रही थीं। लेकिन रात लगभग 10.30 बजे बिजली चालू किया गया जिससे उसी खंभे पर लगे इंसुलेटर का टूट जाना जानलेवा साबित हुआ। बारिश और तेज़ आंधी के चलते भीगी ज़मीन पर फैला करंट भेड़ों के लिए मौत बन गया। एक-एक कर 12 भेड़ों की मौके पर ही झुलसकर मौत हो गई।

घटना के तुरंत बाद ग्रामीणों ने बिजली विभाग, स्थानीय लाइनमैन और मनोहरपुर बीडीओ को फोन कर बिजली काटने की गुहार लगाई, ताकि और नुकसान न हो। लेकिन अफ़सोस की बात ये रही कि कोई भी फोन नहीं उठा। कुछ अधिकारियों के मोबाइल सीधे 'स्विच ऑफ' मिले, जिससे ग्रामीणों का गुस्सा और भी भड़क गया। ग्रामीणों का कहना है कि वे बार-बार शिकायत करने के बावजूद बिजली विभाग की आंखें नहीं खुल रही हैं। बारिश के मौसम में जर्जर बिजली खंभे और तार मौत बनकर मंडरा रहे हैं, और विभाग सोया हुआ है। घटना के बाद भी कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा, न ही प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया आई। लेम्ब्रे गांव जैसे पिछड़े इलाकों में भेड़-बकरी पालना ही लोगों का मुख्य रोजगार है। एक भेड़ की कीमत औसतन 5 से 7 हज़ार रुपये होती है। ऐसे में 12 भेड़ों की मौत से परिवारों पर 60 से 70 हज़ार रुपये का सीधा नुकसान हुआ है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि उचित कार्रवाई नहीं हुई तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे। ग्रामीणों ने चेताया है कि अगर इस बार बिजली विभाग और प्रशासन ने मुआवजा नहीं दिया और दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो गांववाले सड़क पर उतरेंगे। उनका साफ कहना है कि सरकार और विभाग जब तक गांव की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेंगे, तब तक इस तरह की मौतें होती रहेंगी। ग्रामीणों की मांग है कि मुआवजा दो, जिम्मेदारों को बर्खास्त करो,मवेशियों की मौत का मुआवजा तत्काल दिया जाए,जर्जर बिजली खंभों और तारों को तत्काल बदला जाए, टूटे इंसुलेटर और पुराने उपकरणों की जांच की जाए, घटना के वक्त फोन नहीं उठाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई हो।

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