बोले देवघर: गोसाईंडीह में बुनियादी सुविधाओं का अभाव
गोसाईंडीह मोहल्ले में 500 घर हैं, जहां 5000 की जनसंख्या निवास करती है। यहां पर्याप्त चापाकल और नाली की व्यवस्था नहीं है। मोहल्ले में कचरा उठाव नहीं हो रहा है, जिससे लोग परेशान हैं। लोग नगर निगम से...
गोसाईंडीह मोहल्ले में करीब 500 घर हैं। जिनमें करीब 5,000 की जनसंख्या निवास करती है। मोहल्ले में पानी की आपूर्ति के लिए न तो पर्याप्त संख्या में चापाकल है, और न ही गलियों में स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था है। रात में गलियों में अंधेरा पसरा रहता है। मोहल्ले की सड़कें भी जर्जर हो चुकी है। डस्टबिन कचड़े से भर चुका है, लेकिन नगर निगम की ओर से मोहल्ले में कचड़ा उठाव की व्यवस्था नहीं की गई है। इन्हीं सब मुद्दों को लेकर हिन्दुस्तान से संवाद के दौरान गांव के लोगों ने अपनी समस्याओं और उसके समाधान को लेकर अपनी अपनी बात रखी। लोगों ने कहा कि गर्मी के दिनों में चापाकल से एक बार में महज 20 से 30 लीटर ही पानी निकलता है। थोड़ा सा पानी चलने के बाद चापाकल शॉर्ट हो जाता है। लोगों ने चापाकल को ठीक करने की मांग की है, साथ ही उसमें और पाइप डालने की मांग की है, ताकि गर्मी के दिनों में भी लोगों को पर्याप्त पानी मिल सके। मोहल्ले में पर्याप्त संख्या में चापाकल नहीं होने की वजह से लोगों को दूर से पानी लाना पड़ता है। जिसकी वजह से काफी परेशानी होती है। जबकि सुबह-सुबह चापाकल पर लोगों की काफी संख्या में भीड़ जमा हो जाती है।
देवघर नगर निगम बने करीब 15 वर्ष हो चुके हैं। नगर निगम बनने के दौरान दर्जनों गांवों को नगर निगम में शामिल किया गया था। नगर निगम में शामिल होने के बाद लोगों में एक आस जगी थी कि उनके यहां भी अब शहरों की तरह विकास होगा। चमचमाती सड़कें होंगी, सीवेज सिस्टम दुरुस्त होगा, निर्बाध बिजली की आपूर्ति होगी। लेकिन अब लोग अपने आप को काफी ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। लोगों ने कहा कि इससे अच्छा तो वह पंचायत में ही रहते, तो पंचायत में आने वाली योजनाओं का लाभ उन्हें मिलता। लेकिन नगर निगम में शामिल होने के बावजूद भी उन्हें कोई सुविधा नहीं मिल रही है। यही हाल नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 4 स्थित गोसाईंडीह मोहल्ले की है। जहां नाली की व्यवस्था नहीं होने की वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नाली का गंदा पानी सड़कों पर ही बहता रहता है। साथ ही मोहल्ले में नियमित रूप से कचड़ा का उठाव भी नहीं होता है। जिसकी वजह से जहां-तहां कचड़ा फैला रहता है। गोसाईंडीह मोहल्ले में करीब 500 घर हैं। जिनमें करीब 5,000 की जनसंख्या निवास करती है। मोहल्ले में पानी की आपूर्ति के लिए न तो पर्याप्त संख्या में चापाकल है, और न ही गलियों में स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था है। रात में गलियों में अंधेरा पसरा रहता है। मोहल्ले की सड़कें भी जर्जर हो चुकी है। डस्टबिन कचड़े से भर चुका है, लेकिन नगर निगम की ओर से मोहल्ले में कचड़ा उठाव की व्यवस्था नहीं की गई है। इन्हीं सब मुद्दों को लेकर हिन्दुस्तान से संवाद के दौरान गांव के लोगों ने अपनी समस्याओं और उसके समाधान को लेकर अपनी अपनी बात रखी।
सीवेज सिस्टम दुरुस्त करने की जरुरत: बातचीत के दौरान लोगों ने कहा कि मोहल्ले में नाली की सख्त जरूरत है। जो भी पुराना नाली था, वह सफाई के अभाव में मिट्टी से ढक गया है। साथ ही नाली की व्यवस्था नहीं रहने के कारण चारों ओर कचड़ा भी जमा हो गया है। नगर निगम की ओर से वर्षों से नाली की सफाई नहीं कराई गई है और ना ही नाली का निर्माण किया गया है। जिसकी वजह से लोगों के घरों से निकलने वाला गंदा पानी सड़कों पर ही बहता रहता है। इससे लोगों को आवागमन में काफी परेशानी होती है। नाली का पानी सड़कों पर बहने के कारण दुर्गंध व बीमारियों का खतरा भी बना रहता है। लोगों ने नगर निगम से मांग की है कि मोहल्ले में व्यवस्थित तरीके से नाली का निर्माण कराया जाए, ताकि लोगों के घरों से निकलने वाला गंदा पानी सड़कों पर न बहे।
दो चापाकल के भरोसे पूरा मोहल्ला: इसके साथ ही मोहल्ले में पेयजल की व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। पूरे मोहल्ले में सिर्फ दो चापाकल मौजूद हैं। चापाकल के आसपास भी काफी गंदगी पसरी रहती है। जिसकी वजह से लोगों को परेशानी होती है। लोगों ने मांग की है कि मोहल्ले में और नए चापाकल लगाने की जरूरत है। ताकि लोगों को सही तरीके से पानी की आपूर्ति हो सके। लोगों ने कहा कि जो चापाकल मौजूद है उसमें भी पर्याप्त मात्रा में पाइप नहीं है। जिसकी वजह से चापाकल से काफी कम पानी निकलता है। लोगों ने कहा कि चापाकल में महज तीन पाइप ही डाला गया है, जिसकी वजह से गर्मी के दिनों में पानी का लेयर नीचे चले जाने पर उक्त चापाकल बेकार हो जाता है। गर्मी के दिनों में चापाकल से एक बार में महज 20 से 30 लीटर ही पानी निकलता है। थोड़ा सा पानी चलने के बाद चापाकल शॉर्ट हो जाता है। लोगों ने चापाकल को ठीक करने की मांग की है, साथ ही उसमें और पाइप डालने की मांग की है, ताकि गर्मी के दिनों में भी लोगों को पर्याप्त पानी मिल सके। मोहल्ले में पर्याप्त संख्या में चापाकल नहीं होने की वजह से लोगों को दूर से पानी लाना पड़ता है। जिसकी वजह से काफी परेशानी होती है। जबकि सुबह-सुबह चापाकल पर लोगों की काफी संख्या में भीड़ जमा हो जाती है। इस दौरान पानी लेने में काफी समस्या होती है।
कई लोगों को नहीं मिल रहा है पेंशन का लाभ: बातचीत के दौरान बलराम पंडित ने कहा कि उन्हें पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है। जबकि उनकी उम्र करीब 55 वर्ष हो चुकी है। कई बार पेंशन के लिए आवेदन दिया, लेकिन अब तक उनकी पेंशन स्वीकृत नहीं हुई है। जिसकी वजह से उन्हें काफी परेशानी होती है। साथ ही लोगों ने कहा कि गांव के अन्य कई लोग हैं जिनकी उम्र 50 वर्ष से अधिक हो गई है। लेकिन अब तक उन्हें पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है।
सुझाव
1. मोहल्ले में व्यवस्थित नाली का निर्माण किया जाए ताकि गंदा पानी सड़कों पर न बहे और बीमारियों का खतरा न हो।
2. अधिक चापाकल की व्यवस्था हो। मोहल्ले में नए और गहरे चापाकल लगाए जाएं ताकि गर्मियों में भी पर्याप्त जल आपूर्ति हो सके।
3. मोहल्ले की जर्जर सड़कों की तत्काल मरम्मत कर नई सड़क बनाई जाए जिससे दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
4. मोहल्ले के पुराने और जर्जर बिजली के तारों को बदला जाए ताकि जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित हो।
5. कचरा उठाने के लिए नगर निगम की गाड़ी नियमित रूप से भेजी जाए और डस्टबिन समय पर खाली किया जाए।
शिकायतें
1. नाली की कमी और गंदा पानी सड़कों पर बहना: मोहल्ले में नाली की कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे सड़कों पर गंदा पानी जमा रहता है।
2. पेयजल संकट: पूरे मोहल्ले में सिर्फ दो चापाकल हैं, जो गर्मियों में काम नहीं करते और लोगों को दूर से पानी लाना पड़ता है।
3. जर्जर सड़कें व दुर्घटनाएं: सड़कें पिछले 10 वर्षों से टूटी हुई हैं, जिससे लोगों को आवागमन में कठिनाई होती है और दुर्घटनाएं होती हैं।
4. बिजली के जर्जर तार व खराब सोलर लाइटें: पुराने तार टूटने की आशंका रखते हैं, और सोलर लाइटें वर्षों से खराब हैं।
5. कचरा उठाव ठप: एक वर्ष से मोहल्ले में कचरा उठाने वाली गाड़ी नहीं आई है, जिससे चारों ओर गंदगी फैली हुई है।
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