Challenges Faced by Dhanbad s Textile Business Infrastructure and Online Competition बोले धनबाद: प्रशासन मदद करे तो धनबाद बन सकता है कपड़ा कारोबार का हब, Dhanbad Hindi News - Hindustan
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बोले धनबाद: प्रशासन मदद करे तो धनबाद बन सकता है कपड़ा कारोबार का हब

धनबाद के कपड़ा कारोबार में होलसेल और खुदरा दोनों गतिविधियाँ हैं, लेकिन यहां के व्यापारियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यातायात की कमी, ऑनलाइन शॉपिंग का प्रभाव और बिजली की अनियमितता जैसे...

Newswrap हिन्दुस्तान, धनबादMon, 21 April 2025 06:00 PM
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बोले धनबाद: प्रशासन मदद करे तो धनबाद बन सकता है कपड़ा कारोबार का हब

होलसेल और खुदरा कपड़ा कारोबार में धनबाद की अलग पहचान है। लंबे समय से यहां होलसेल का कारोबार हो रहा है। बैंक मोड़ के टेक्सटाइल मार्केट में होल सेल तथा खुदरा दोनों का कारोबार होता है। धनबाद के दूसरे बाजारों में भी कपड़े का कारोबार होता आ रहा है। इसके बाद भी धनबाद अभी तक कपड़ा उद्योग का हब नहीं बन पाया है। धनबाद टेक्सटाइल मार्केट से राज्य के विभिन्न जिलों में कपड़ों की सप्लाई होती है। यहां सुगम यातायात, रेल व हवाई सफर की व्यवस्था नहीं होने के कारण कपड़ा कारोबारियों को काफी परेशानी होती है। ऑनलाइन शॉपिंग के चलन ने कपड़ा कारोबार को काफी प्रभावित किया है। जीएसटी की जटिलताओं ने कपड़ा कारोबारियों की और मुश्किल बढ़ा दी है। 30 दिन में चार दिन व्यापार की बजाय जीएसटी की जटिलताओं को समझने में चला जाता है। बाजार में जरूरी सुविधाओं की कमी है। आसपास की सड़कों पर गंदगी का अंबार है। वाहन स्टैंड नहीं होने के कारण टेक्सटाइल मार्केट व दुकान के सामने लोग वाहन पार्क कर चले जाते हैं। इस कारण ग्राहकों को दुकान आने में परेशानी होती है। आग से बचाव का भी इंतजाम नहीं है।

कपड़ा उद्योग देश में बड़ी संख्या में रोजगार प्रदान करता है। धनबाद में भी इस कारोबार से लोगों को रोजगार मिल रहा है। सरकार को टैक्स भी अदा किया जा रहा है। धनबाद में कपड़ा कारोबार के और अधिक व्यापक होने की संभावना है। सरकार तथा प्रशासन की यदि मदद करे तो धनबाद कपड़ा उद्योग का हब बना सकता है, लेकिन यहां इंफ्रास्ट्रक्चर की भारी कमी है। यहां सुगम यातायात की कमी है। धनबाद के कपड़ा कारोबारी गुजरात, सूरज, मुंबई, बेंगलुरु आदि शहरों से कपड़े मंगवाते हैं। यहां जाने के लिए धनबाद से बहुत कम ट्रेंनें संचालित हैं। साथ ही यहां हवाईअड्डा भी नहीं है। इसके कारण आने-जाने में ही काफी दिन लग जाते हैं। इससे कारोबार प्रभावित होता है। अगर सरकार सुविधा बढ़ाए तो धनबाद में कपड़ा कारोबार और व्यापक हो सकता है। लोगों को रोजगार भी मिलेगा। सरकार तथा प्रशासन हमें सुविधा दे। ऐसा कहना है टेक्सटाइल मार्केट, बैंक मोड़ के कारोबारियों का। कारोबारियों ने हिन्दुस्तान अखबार के बोले धनबाद की टीम से बातचीत में कहा कि सरकार तथा प्रशासन से हमारी अपेक्षा है।

कारोबारियों ने बताया कि धनबाद में कपड़ा व्यवसाय लगन और पर्व-त्योहार में गुलजार रहता है। दूसरे दिनों में भी यहां थोक तथा खुदरा खरीदार बड़ी संख्या में आते हैं। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में इस कारोबार में थोड़ी सी बाधा आ गई है। बैंक मोड़ में ट्रैफिक जाम के कारण खरीदार आने में परहेज करते हैं। इस कारण कारोबार थोड़ा मंदा हो गया है। प्रतिस्पर्द्धा के कारण भी इस कारोबार में उतना फायदा नहीं रह गया है। इस कारण कई लोग दूसरे कारोबार में चले गए हैं। कारोबारियों ने कहा कि जिला प्रशासन से मांग करता हूं कि कम से कम ट्रैफिक जाम से निजात दिलाएं ताकि ग्राहक दुकान तक पहुंच सकें और हमारा कारोबार प्रभावित न हो। कारोबारियों ने कहा कि ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते दायरे से भी कारोबार प्रभावित किया है। हम नहीं कहते हैं कि इसे बंद कर दिया जाए लेकिन सरकार हमारे कारोबार को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ उपाय करे। हमें टैक्स से थोड़ी छूट दी जाए। इससे कारोबार करना थोड़ा आसान हो जाएगा। ग्राहक ऑनलाइन रेट से तुलना करने लगते है। तब विवाद की स्थिति बन जाती है। उसको समझाना काफी कठिन हो जाता है। हमारे प्रति उनका नजरिया बदल जाता है। लोगों को भी ऑफलाइन बाजार का मर्म समझना चाहिए। छोटे व्यापारियों को ध्यान में रखकर ऑनलाइन खरीदारी को नियंत्रित करना चाहिए।

बिजली की अनियमितता के कारण बाधित होता है कारोबार

धनबाद में बिजली की आंख-मिचौनी से कपड़ा व्यवसायियों को काफी परेशानी होती है। साथ ही कारोबार में भी प्रभाव पड़ता है। कपड़ा कारोबारियों ने कहा कि यहां हमलोगों को पर्याप्त बिजली नहीं मिलती है। बिजली के बिना यह कारोबार नहीं चल सकते हैं। बिजली बिल हर माह हमलोग जमा कर देते है, लेकिन बिजली की आपूर्ति पर्याप्त नहीं होती है। मेंटेनेंस और लोडशेडिंग के नाम पर रोजाना घंटों बिजली गुल रहती है। इससे व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ता है।

शाम ढलते ही मार्केट के आसपास नशेड़ियों का अड्डा बन जाता है

टेक्सटाइल मार्केट के कारोबारियों ने अपनी तकलीफों को साझा किया, जिनसे रोज सामना होता है। बताया कि टेक्सटाइल मार्केट के आसपास की गलियों और सड़कों पर नशेड़ियों का जमावड़ा लग जाता है। इसके कारण ग्राहकों को परेशानी होती है। खासकर महिलाओं को। इससे हमारे कारोबार पर असर पड़ता है। कुछ बोलने पर मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। हमलोग पुलिस प्रशासन से मांग करते हैं कि शाम को रोजाना पुलिस पेट्रोलिंग की जाए, तभी इन नशेड़ियों का मनोबल कम होगा।

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