सिविल सर्जन महोदय, आपके कारण स्वास्थ्य सेवाएं ध्वस्त हैं: शारदा
धनबाद जिले की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर जिला परिषद की बैठक में गंभीर सवाल उठाए गए। सिविल सर्जन की अनुपस्थिति और डॉक्टरों की कमी के कारण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। बलियापुर सीएचसी रात...

धनबाद, विशेष संवाददाता सिविल सर्जन महोदय, आपके कारण धनबाद जिले की स्वास्थ्य सेवाएं ध्वस्त हो गई हैं। भ्रष्टाचार का बोलबाला है। सीएचसी-पीएचसी में डॉक्टर नहीं आते। आप जिला परिषद की बैठक में भी नहीं आते। किसी भी तरह के पत्रों का जवाब नहीं देते। 108 एंबुलेंस की व्यवस्था चौपट हो गई है। आप किसी की नहीं सुनते हैं। यह ठीक नहीं है। उक्त बातें जिला परिषद की अध्यक्ष शारदा सिंह ने शनिवार को जिला परिषद बोर्ड की बैठक में कहीं। न्यू टॉउन हॉल में हुई बैठक में सिंदरी विधायक चंद्रदेव महतो, डीडीसी सह जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सादात अनवर भी थे।
बैठक में जिला परिषद के सदस्यों ने स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए सवाल उठाना शुरू किया तो पता चला कि सिविल सर्जन बैठक में नहीं है। उनकी जगह पर जिला लेप्रोसी ऑफिसर मौजूद थीं। पहले इसी बात पर सदस्य उग्र हो गए। मौके से फोन कर सिविल सर्जन को बैठक में बुलाया गया। उनके आते ही जिला परिषद सदस्य उन पर बरस पड़े। बिजली विभाग के अधिकारियों पर भी सदस्य नाराज थे। एक महिला सदस्य ने कहा कि आप सिर्फ मुंडी हिलाते रहते हैं। इससे काम नहीं चलेगा। एक मामले में तो लंबे समय तक जिला परिषद सदस्य तथा बिजली विभाग के अधिकारी के बीच तूतू-मैंमै होती रही। बैठक में आए एक व्यक्ति ने उन पर कई आरोप लगाए तथा अपशब्द का प्रयोग भी किया। इससे स्थिति बिगड़ गई। इसके बाद जिला परिषद अध्यक्ष शारदा सिंह ने हस्तक्षेप किया। उन्होंने कहा कि यह जिला परिषद बोर्ड की बैठक है। अवांछित तत्व बैठक से निकल जाएं। इसके बाद मामला शांत हुआ। बैठक में स्वास्थ्य विभाग से साथ-साथ पेयजल विभाग के अधिकारियों पर भी सदस्यों ने जमकर भड़ास निकाली। बलियापुर में सीएचसी रात में बंद रहता है बलियापुर जिला परिषद की सदस्य ने बताया कि बलियापुर सीएचसी रात में काम नहीं करता है। रात में इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है। इससे परेशानी होती है। सिविल सर्जन ने बताया कि वहां डॉक्टर की कमी है। स्थिति यह है कि एक और डॉक्टर को वहां से हटा कर पीएमसीएच में तैनात कर दिया गया है। डॉक्टर की पोस्टिंग होने पर ही रात में वहां स्वास्थ्य सेवा बहाल हो सकती है। दवा की कमी की बात पर सिविल सर्जन ने कहा कि अब दवा की खरीद स्थानीय सीएचसी-पीएचसी के अधिकारियों को ही करनी है। जलापूर्ति की राशि भुगतान पर जिच पिछली गर्मी में टैंकरों से की गई जलापूर्ति के मद का भुगतान को लेकर भी बैठक में लंबे समय तक बहस होती रही। इस पर सदस्य तथा डीडीसी के बीच तकरार भी हुई। भुगतान के लिए जमा किए गए बिल में एकरूपता नहीं होने पर डीडीसी ने आपत्ति जताई। टैंकरों से जलापूर्ति की दर निर्धारण के लिए कमेटी बनाने तथा इसकी अनुशंसा के आधार पर भुगतान करने पर सहमति बनी। घड़बड़ जलापूर्ति योजना तो स्कैम है: डीडीसी बलियापुर की महिला जिला परिषद सदस्य ने घड़बड़ जलापूर्ति योजना का मामला बैठक में उठाया। उन्होंने कहा कि 71 करोड़ की राशि से इस योजना का काम पूरा किया गया है। योजना 1917-18 की है। इससे 41 गावों को पानी देना था। 20 गावों तक भी पानी नहीं पहुंचा है। डीडीसी ने इस मामले में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारी से जानकारी मांगी। पहले तो अधिकारी टालमलोट करते रहे। बाद में उन्होंने बताया कि यह योजना 2019 में ही पूरी कर ली गई है। मेसर्स श्रीराम ईपीसी ने इसका काम किया था। काम के बदले अधिकतर राशि का भुगतान कर दिया गया है। इतना सुनते ही डीडीसी ने कहा कि यह तो स्कैम है। इस मामले की जांच होनी चाहिए। जिला परिषद की ओर से जांच टीम बनाने की घोषणा डीडीसी ने की। इसके बाद पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच के लिए डीसी के आदेश पर टीम बनाई जा रही है। एजेंसी को शोकॉज नोटिस भेजा गया है। आई कार्ड हो जारी सदस्यों ने कहा कि सभी के लिए आई कार्ड जारी किया जाए। डीडीसी ने इसके लिए जिला अभियंता को निर्देश दिया कि जल्द से जल्द आईकार्ड जारी किया जाए। 33 प्रस्तावों पर लगी मुहर बैठक में 33 प्रस्तावों पर मुहर लगी। इसमें एप्पल रेस्टोरेंट का एकरारनामा रद्द करने से लेकर गोविंदपुर रेजलीबांध की गहराई बढ़ाने तक का प्रस्ताव शामिल हैं। एक देश एक चुनाव का प्रस्ताव भी बैठक में लाया गया। एचपीसीएल का रिटेल काउंटर पूजा टाकिज के निकट खोलने, खाली जमीन का उपयोग करने पर भी बैठक में प्रस्ताव लाया गया। बैठक की अध्यक्षता शारदा सिंह ने की। मौके पर उपाध्यक्ष सरिता देवी, सोहराव अंसारी, विकास कुमार महतो, संजय सिंह, श्वेता कुमारी, इसराफिल अंसारी सहित अन्य मौजूद थे।
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