हिमाचल प्रदेश में मजदूरी कराने के बाद नहीं किए गए भुगतान, मजदूरों में नाराजगी
दुमका में मजदूरों ने हिमाचल प्रदेश में सड़क निर्माण के दौरान मजदूरी न मिलने पर डीआईजी से कार्रवाई की मांग की। सभी मजदूर आदिवासी समुदाय से हैं और पिछले साल नवंबर में काम करने गए थे। उन्होंने पांच महीने...

दुमका, प्रतिनिधि। हिमाचल प्रदेश में सड़क निर्माण में मजदूरी कराने के बाद पैसे का भुगतान नहीं करने पर मजूदरों ने बुधवार को दुमका के डीआईजी को आवेदन देकर मेठ के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की। सभी मजदूर पाकुड़ जिला के अमड़ापाड़ा थाना क्षेत्र के रहने वाले है। सभी मजदूर आदिवासी समुदाय से है। मजदूरी नहीं मिलने पर 18 मजदूर किसी तरह से दुमका पहुंचे और डीआईजी से कार्रवाई से मांग की गई। मजदूरों का कहना है कि ये लोग पिछले वर्ष 2024 नवम्बर में दो मेठ कुदुस अंसारी और नजरुल अंसारी के माध्यम से हिमाचल प्रदेश सड़क बनाने के काम में गए थे।
सभी ने बीआरओ के 108 आरसीसी में पांच महीने तक सड़क निर्माण में काम किए। सत्रह हजार रुपये प्रतिमाह इन्हें मजदूरी देने की बात तय हुई थी। इस पांच माह के दौरान उन मजदूरों को एक भी रुपए का भुगतान नहीं किया गया। यहां तक एटीएम कार्ड भी दोनों मेटों ने रख लिया था। कुछ दिन पूर्व जब काम समाप्त हो गया और सभी ने जब मजदूरी की मांग की तो सीधे तौर पर दोनों मेठों ने रुपए देने से इनकार कर दिया। यहां तक कि इनके पास इतने रुपए भी नहीं थे कि हिमाचल प्रदेश से अपने घर आ पाए। किसी तरह रुपए जुगाड़ कर बुधवार को सभी 18 मजदूर दुमका पहुंचे। यहां सभी ने संथाल परगना के डीआईजी के नाम एक पत्र लिखा जिसमें अपनी सारी आपबीती का जिक्र करते हुए दोनों मेठों से अपनी मजदूरी दिलाने की मांग की। मजदूर बबलू पहाड़िया और धर्मेंद्र पहाड़िया ने बताया कि हिमाचल प्रदेश हम लोग सड़क निर्माण करने गए थे। सत्रह हजार रुपये मजदूरी प्रतिमाह तय हुई थी, लेकिन हमें ले जाने वाले मेठों ने हमारी मजदूरी हड़प ली। उनका कहना है कि हम लोग जैसे तैसे दुमका तो पहुंच गए है। अभी इतना पैसा भी नहीं है कि अमड़ापाड़ा अपने घर जाए पाए। सभी प्रशासन से अपने पसीने की कमाई दिलाने की मांग की है।
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