जाम से मुक्ति और लोगों की सुविधा के लिए प्रशासन बस स्टैंड का निर्माण कराए
डिजिटल संवाद भवनाथपुर को औद्योगिक नगरी के तौर पर मिली पहचान और प्रखंड के अस्तित्व में आए छह दशक से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी एक अदद बस पड़ाव की व

भवनाथपुर, प्रतिनिधि। भवनाथपुर को औद्योगिक नगरी के तौर पर मिली पहचान और प्रखंड के अस्तित्व में आए छह दशक से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी एक अदद बस पड़ाव की व्यवस्था नहीं की गई। लोग अब भी बस पड़ाव बनने के इंतजार में हैं। प्रशासनिक और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण बस पड़ाव बनाने की ओर किसी ने ठोस पहल नहीं की। फिलहाल प्रखंड मुख्यालय से रांची, मेदिनीनगर, गढ़वा, नगर ऊंटारी, खरौंधी, तोरेलावा, कांडी, केतार के अलावा उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ तक चलने वाली दर्जनों बड़ी बसें खुलती हैं। वहीं 200 से अधिक की संख्या में कमांडर, टेम्पो सहित अन्य यात्री वाहनों का ठहराव बाजार के सबसे व्यस्त जगह पर होती है। उक्त कारण बराबर जाम की स्थिति बनी रहती है। आमलोगों से लेकर प्रशासन तक को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जाम को देखते हुए पूर्व बीडीओ सह प्रभारी सीओ विशाल कुमार और थाना प्रभारी गुप्तेश्वर तिवारी ने पहल कर छोटी वाहनों के ठहराव के लिए अलग-अलग रूट निर्धारित किए थे लेकिन यह बहुत दिनों तक नहीं चल सका। बस स्टैंड के लिए स्थान निर्धारित करने से पहले ही उनका तबादला हो गया। उसके बाद उनकी बनाई हुई व्यवस्था धराशायी हो गई। जाम से मुक्ति और लोगों की सुविधा के लिए प्रशासन बस स्टैंड का निर्माण कराए।
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