वृद्धा पेंशन पिछले 15 महीने से बंद, जीवन यापन में परेशानी
फोटो प्रताप एक: मंगलवार को समाहरणालय के सभाकक्ष में आयोजित जनता दरबार में लोगों की समस्या सुनते डीसी शेखर जमुआर

गढ़वा, प्रतिनिधि। जिला दंडाधिकारी-सह-उपायुक्त शेखर जमुआर ने सोमवार को समाहरणालय स्थित सभागार में जनता दरबार का आयोजन किया। जनता दरबार में विभिन्न प्रखंडो से आए फरियादियों की समस्याएं बारी-बारी से सुनी गईं और उसके निष्पादन के लिए संबंधित पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया। रमना प्रखंड के मड़वनिया से आए बुजुर्ग महिलाएं और पुरूषों ने डीसी से शिकायत की कि उन्हें वृद्धा पेंशन पिछले 15 महीने से नहीं मिला है। पेंशन बंद होने से जीवन यापन में काफी परेशानियों का सामना करना पर रहा है। उसकी सूचना प्रखंड विकास पदाधिकारी को भी दी गई, पर पहल नहीं की गई। बुजुर्गों ने पेंशन चालू करने का अनुरोध किया। जनता दरबार में मुख्य रूप से राशन, पेंशन, भूमि विवाद, अवैध कब्जा, आवास, मुआवजा, योजनाओं का लाभ, अतिक्रमण, रोजगार सृजन, बकाया मजदूरी भुगतान समेत अन्य समस्याओं को लेकर ग्रामीण पहुंचे थे। भवानाथपुर के अरसली उत्तरी गांव निवासी राम जन्म विश्वकर्मा ने आवेदन देकर बताया कि उनकी पत्नी मांति देवी के नाम से 2022 में ही प्रधानमंत्री आवास योजना की स्वीकृति प्राप्त हुई थी, किंतु अभी तक उसकी राशि नहीं मिल पाई है। पता करने पर ग्राम सेवक और कोऑर्डिनेटर के द्वारा 20 हजार रुपये की मांग की गई। वह उन्हें रुपये देने में असमर्थ है। उन्होंने यह भी बताया कि उनका मकान पिछली बारिश में क्षतिग्रस्त हो गया है। कभी भी उनका मकान गिर सकता है। उससे जानमाल का भी नुकसान हो सकता है। उन्होंने उपायुक्त से मामले में जांच कराते हुए दोषियों पर कानूनी कार्रवाई करते हुए उन्हें आवास योजना का पैसा दिलवाने की गुहार लगाई। जनता दरबार में विभिन्न समस्याओं से संबंधित 20 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए। आमजनों से प्राप्त शिकायतों के समाधान के लिए उपायुक्त द्वारा संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया।
जमीन ली गई पर मुआवजा नहीं मिला: हरी भुइयां
रमना प्रखंड के मड़वनिया निवासी हरी भुइयां तथा हरिहर भुइयां ने बताया कि उनकी जमीन एनएच 75 निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई पर उसके एवज में मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया। उन्होंने मुआवजा भुगतान कराने की मांग की।
42 क्विंटल धान दिया पर पैसा नहीं मिला: पारस
पनघटवा से आए पारस यादव ने आवेदन देकर उपायुक्त से धान का पैसा दिलाने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि फरवरी में झारखंड सरकार ई-उपार्जन केंद्र व्यापार मंडल धुरकी को 42 क्विंटल धान दिया था। अभी तक उसका पैसा उन्हें नहीं मिल पाया है।
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