समाज कल्याण पदाधिकारी से लेकर नौ में से आठ सीडीपीओ का पद है रिक्त
अधिकारियों की कमी के कारण विभागीय कामकाज पर पड़ता हैं प्रतिकूल असर समाज कल्याण विभाग में पदाधिकारियों से लेकर कर्मियों तक घोर कमी है। पदाधिकारी से लेक

गढ़वा, प्रताप तिवारी। समाज कल्याण विभाग में पदाधिकारियों से लेकर कर्मियों तक की घोर कमी है। इसका असर विभागीय कार्यों पर पड़ रहा है। समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत जिले में कुल 1330 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। विभाग में पदाधिकारियों की कमी का आलम है कि जिला समाज कल्याण पदाधिकारी का पद प्रभार में चल रहा है। वर्तमान में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी का प्रभार रंका परियोजना के सीडीपीओ अल्पना कुमारी को दिया गया है। उससे पहले रंका अनुमंडल के भूमि सुधार उपसमाहर्ता प्रमेश कुशवाहा जिला समाज कल्याण पदाधिकारी के प्रभार में थे। विभागीय आंकड़ों के अनुसार जिले में कुल नौ परियोजना हैं।
उनमें सिर्फ रंका परियोजना में ही बाल विकास परियोजना पदाधिकारी कार्यरत हैं। बाकी परियोजना गढ़वा, मेराल, नगर ऊंटारी, भवनाथपुर, मझिआंव, कांडी, धुरकी और भंडरिया में बाल विकास पदाधिकारी का प्रभार संबंधित प्रखंड/अंचल के बीडीओ व सीओ को दिया गया है। उसी तरह जिलांतर्गत महिला पर्वेक्षिकाओं का कुल 50 पद स्वीकृत है। उसके विरूद्ध मात्र 22 महिला पर्वेक्षिका ही कार्यरत हैं। 28 महिला पर्वेक्षिकाओं का पद रिक्त है। सीडीपीओ और महिला पर्वेक्षिकाओं का पद रिक्त होने के कारण विभागीय कार्यों के साथ-साथ आंगनबाड़ी केंद्रों का मॉनिटरिंग नहीं हो पा रहा है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार जिले में 11 सेविका और 13 सहायिका का भी पद विभिन्न कारणों से रिक्त हैं। वर्तमान में जिलांतर्गत सभी नौ परियोजनाओं को मिलाकर कुल 6404 धातृ और 7883 गर्भवती महिलाएं है। वहीं छह से तीन वर्ष तक के बच्चों की कुल संख्या 55 हजार 887 है। उसी तरह छह माह से छह वर्ष तक के अति कुपोषित बच्चों की कुल संख्या 130 है। भंडरिया परियोजना में धातृ महिलाएं 280, गर्भवती महिलाएं 347, छह माह से तीन वर्ष तक के बच्चों की कुल संख्या 2944 और अति कुपोषित कुल 12 बच्चे हैं। उसी तरह रंका में 904 धातृ, 1254 गर्भवती, छह माह से तीन वर्ष तक के बच्चे 7718 हैं। वहां अतिकुपोषित बच्चे नहीं हैं। धुरकी में 575 धातृ, 566 गर्भवती, कुल बच्चे 5176 और अतिकुपोषित 82 बच्चे हैं। मेराल में धातृ 1032, गर्भवती 1230 और कुल बच्चे 9378, मझिआंव में 493 धातृ, 678 गर्भवती, 4349 कुल बच्चे और अतिकुपोषित दो बच्चे हैं। नगर ऊंटारी में 904 धातृ, 1077 गर्भवती 8382 कुल बच्चे, भवनाथपुर में धातृ 747, गर्भवती 1089, कुल बच्चे 7270 और अतिकुपोषित कुल 32 बच्चे हैं। उसी तरह गढ़वा में धातृ 1119, गर्भवती 1245 व कुल बच्चे 7740 और कांडी में धातृ महिलाएं 350, गर्भवती महिलाएं 397 और 2930 छह माह से तीन साल तक के कुल नामांकित बच्चों की संख्या है। कर्मियों और पदाधिकारियों की कमी के कारण योजनाओं के क्रियान्वयन और मॉनिटरिंग पर प्रतिकुल असर पड़ रहा है।
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