भरनो में मनरेगा की योजनाएं पैसे के अभाव में ठप
भरनो प्रखंड में मनरेगा योजना गंभीर संकट में है। पैसे की कमी के कारण लगभग 2000 योजनाएं लटकी हुई हैं, जिससे विकास प्रभावित हो रहा है। मजदूरों को तीन महीने से मजदूरी नहीं मिली है, जिससे उनकी आर्थिक...

भरनो, प्रतिनिधि। भरनो प्रखंड में मनरेगा योजना इन दिनों गंभीर संकट से गुजर रही है। पैसे के अभाव में लगभग दो हजार योजनाएं अधर में लटकी हुई हैं। इनमें कूप निर्माण, बिरसा हरित क्रांति अंतर्गत बागवानी, तालाब निर्माण, सड़क, पुल-पुलिया और नाली जैसी कई महत्वपूर्ण योजनाएं शामिल हैं। काम बंद होने से न केवल विकास प्रभावित हो रहा है,बल्कि मजदूरों और वेंडरों की आर्थिक स्थिति भी चरमराने लगी है।तीन महीने से मजदूरी का भुगतान नहीं होने के कारण मजदूरों को रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना मुश्किल हो गया है। मजबूर होकर कई मजदूर पलायन की राह पकड़ने को विवश हैं। वहीं मनरेगा कर्मियों को भी तीन महीने से वेतन नहीं मिला। जिससे होली, ईद, सरहुल और रामनवमी जैसे त्योहार फीके पड़ गए। सबसे चिंताजनक स्थिति वेंडरों की है, जिनका करीब 1.56 करोड़ रुपये का भुगतान पिछले एक साल से लंबित है। मटेरियल सप्लाई कर चुके वेंडर अब आर्थिक तंगी के कारण योजना में और आपूर्ति करने से कतरा रहे हैं। सरकार भले ही मनरेगा को सौ दिन की रोजगार गारंटी योजना बताकर पलायन रोकने की बात कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि मजदूर और वेंडर अपने बकाये के लिए रोजाना ब्लॉक के चक्कर काटने को मजबूर हैं।
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