मई दिवस को मजदूर अधिकार दिवस के रूप में मनाया
गिरिडीह में ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लाक ने 01 मई को 'मजदूर अधिकार दिवस' मनाया। बैठक में वर्तमान मोदी सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष का संकल्प लिया गया। कार्यकर्ताओं ने मजदूरों के शोषण और...

गिरिडीह। ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लाक ने 01 मई, अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस को 'मजदूर अधिकार दिवस' के रूप में मनाया। इस अवसर पर गिरिडीह झंडा मैदान में पार्टी समर्थकों ने एक बैठक कर एक मई दिवस के ऐतिहासिक संदर्भ पर चर्चा की। शिकागो के शहीदों को याद में मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। साथ ही, मौजूदा मोदी सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष का संकल्प लिया। यादव ने कहा कि गिरिडीह की अधिकांश फैक्ट्रियों में मजदूरों का जमकर शोषण हो रहा है। एक तो स्थानीय मजदूरों को काम पर नहीं रखा जाता, लेकिन जिन्हें काम मिला उनका भी जमकर शोषण हो रहा है।
मजदूरों से 12-14 घंटे काम लिया जा रहा है। उनकी सामाजिक सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं रह गई है। उनके लिए पहचान पत्र, ई एस आई कार्ड की व्यवस्था नहीं की गई। ग्रामीण मनरेगा मजदूरों की दशा भी खराब है। सांसद-विधायकों के वेतन बढ़ते हैं, लेकिन मजदूरों की मजदूरी नहीं बढ़ती। इसके खिलाफ संघर्ष का संकल्प ही मई दिवस का सही संदेश है। निर्णय लिया गया कि शीघ्र ही गिरिडीह के औद्योगिक इलाके में पार्टी संगठन को मजबूत कर मजदूरों के हक की लड़ाई शुरू की जाएगी। मौके पर सोमनाथ मुखर्जी, प्रमोद सिन्हा, शिवनंदन यादव, शंभू ठाकुर, मनोज कुमार यादव, शंभू तुरी, उमेश यादव, खूबी यादव, सुरेंद्र यादव, गणेश यादव, विनोद दास, महेंद्र चौधरी, विजय डोम, रीतलाल दास, सुखदेव गोस्वामी, रोहित यादव, राजा राव, टेकलाल महतो, साहेब यादव, अन्ना मुर्मू, सुनीता मरांडी, रश्मि सोरेन, ज्योति किरण हेंब्रम, नंदलाल रजक, चंदन कुमार, मुकेश यादव, रियाज अंसारी, वीरेंद्र यादव, नियाजुद्दीन अंसारी एवं अन्य थे।
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