सदर अस्पताल में पानी की किल्लत जारी, दूसरे दिन भी नहीं हुआ डायलिसिस
सदर अस्पताल में जल संकट के कारण डायलिसिस केंद्र बंद रहा। मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। उम्मीद है कि गुरुवार से केंद्र फिर से चालू होगा। डायलिसिस महंगी है और गरीब मरीजों को समस्या हो रही है।...

सदर अस्पताल में जारी जल संकट के कारण बुधवार को भी डायलिसिस केंद्र बंद रहा। उम्मीद है कि गुरुवार से केंद्र फिर से चालू हो जाएगा। अस्पताल में पिछले कुछ दिनों से पानी की भारी किल्लत बनी हुई है, जिससे स्थानीय समेत दूरदराज़ से आने वाले मरीजों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। सबसे अधिक असर किडनी मरीजों पर पड़ा है, जिनके लिए डायलिसिस केंद्र जीवनरेखा है। मंगलवार और बुधवार को डायलिसिस केंद्र बंद रहने के कारण मरीजों को पहले ही फोन कर सूचित कर दिया गया, ताकि वे किसी अन्य केंद्र में अपनी व्यवस्था कर सकें। डायलिसिस प्रक्रिया महंगी होती है। अधिकांश गरीब मरीजों के लिए एक बार की डायलिसिस में 1000 से अधिक का खर्च आता है, क्योंकि हर केंद्र पर आयुष्मान भारत हेल्थ कार्ड मान्य नहीं होता। ऐसे में इलाज के लिए उन्हें जेब से खर्च करना पड़ता है। बुधवार को भी डायलिसिस केंद्र के बाहर ताला लटका रहा और सूचना चस्पा की गई कि केंद्र 26 अप्रैल तक बंद रहेगा। हालांकि, समाचार प्रकाशित होने के बाद अस्पताल प्रशासन और सिविल सर्जन ने डायलिसिस केंद्र को जलापूर्ति शुरू कर दी है, जिससे गुरुवार से केंद्र के पुनः चालू होने की संभावना है। अस्पताल परिसर में पानी टैंकरों से लाकर टंकी में भरा जा रहा है, परंतु मरीजों की संख्या को देखते हुए यह पानी अपर्याप्त साबित हो रहा है। बुधवार को भी कई मरीजों को बाहर से पानी खरीदना पड़ा। कुछ मरीज बोतल लेकर सिविल सर्जन कार्यालय तक पहुंचे, जहां से उन्हें पानी उपलब्ध कराया गया।
मरीजों का डायलिसिस रुकने नहीं दिया जाएगा। पानी की व्यवस्था की जा रही है और जल्द ही सभी सुविधाएं पूर्ववत बहाल कर दी जाएंगी।
डॉ. साहिर पाल, सिविल सर्जन
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