जुगसलाई रेलवे फुट ओवरब्रिज रोशनी से हुआ जगमग
जुगसलाई रेलवे फुट ओवरब्रिज पर 17 मई को रोशनी शुरू हुई, जो कामकाजी महिलाओं और छात्राओं के लिए बड़ी राहत है। 53 वर्षों के संघर्ष के बाद, रेलवे ने लाइटिंग की व्यवस्था की, जिससे लोग अब सुरक्षित महसूस कर...

जुगसलाई रेलवे फुट ओवरब्रिज शनिवार 17 मई की रात से रोशनी से जगमगाने लगा। अंधेरे में ओवरब्रिज से गुजरने में असुरक्षित महसूस करने वाली कामकाजी महिलाओं और छात्राओं ने इसे बड़ी राहत माना है। 53 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद यह फुट ओवरब्रिज तो बन गया, लेकिन रेलवे रोशनी की सुविधा देना भूल गया था। दक्षिण पूर्व रेलवे जोन ने 26 फरवरी को 7 लाख 43 हजार रुपये की लागत से जुगसलाई फुट ओवरब्रिज पर लाइट लगाने के लिए टेंडर निकाला था। इसके बावजूद लाइटिंग की सुविधा शुरू नहीं की गई थी। उद्घाटन नहीं होने के बावजूद जुगसलाई, बागबेड़ा, हरहरगुट्टू एवं अन्य क्षेत्रों के सैकड़ों पैदल राहगीर पहले ही इस फुट ओवरब्रिज का उपयोग करने लगे थे।
आपके प्रिय् अखबार हिन्दुस्तान ने 8 मई के अंक में फुट ओवरब्रिज पर रोशनी नहीं होने से महिलाओं को हो रही परेशानी को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद रेल मंडल के अधिकारी हरकत में आए और इलेक्ट्रिकल विभाग के माध्यम से ओवरब्रिज पर लाइट की व्यवस्था कराई गई। जुगसलाई सद्भावना समिति के अनूप मिश्रा ने भी एईएन के समक्ष फुट ओवरब्रिज पर लाइट लगाने की मांग की थी। अब इस ओवरब्रिज पर नियमित लाइटिंग होने से स्थानीय लोग खासकर महिलाएं और छात्राएं खुद को अधिक सुरक्षित महसूस कर रही हैं।
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