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एमजीएम के नये अस्पताल में सिलेंडर से ही ऑक्सीजन की सप्लाई, नहीं लगा प्लांट

एमजीएम अस्पताल डिमना के नए भवन में मरीजों को फिलहाल सिलेंडर से ऑक्सीजन दी जाएगी, क्योंकि अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट नहीं है। गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर पर रखने में परेशानी होगी। एलएमओ प्लांट की...

Newswrap हिन्दुस्तान, जमशेदपुरMon, 19 May 2025 06:30 PM
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एमजीएम के नये अस्पताल में सिलेंडर से ही ऑक्सीजन की सप्लाई, नहीं लगा प्लांट

एमजीएम अस्पताल डिमना के 760 बेड वाले नये भवन में मरीजों को फिलहाल सिलेंडर से ही ऑक्सीजन दी जाएगी। अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट नहीं लग सका है, जबकि हर बेड तक पाइपलाइन से ऑक्सीजन पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। अस्पताल की शिफ्टिंग में पहले पानी की समस्या पहले सबसे बड़ी मानी जा रही थी, लेकिन वहां बोरिंग और टैंकर से जलापूर्ति की व्यवस्था कर दी गई है। इसके विपरीत ऑक्सीजन सप्लाई के लिए एलएमओ (लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन) या पीएसए प्लांट की कोई स्थायी व्यवस्था नहीं की गई है। निर्णय लिया गया है कि अस्थायी रूप से डी-टाइप के सिलेंडर लगाकर सप्लाई की जाएगी।

जैसे ही कोई सिलेंडर खाली होगा, तुरंत दूसरा लगाया जाएगा। हालांकि, एमजीएम अस्पताल डिमना में सिर्फ सिलेंडर से हर जगह काम चलाया जाएगा तो इससे काफी परेशानी होगी। प्रेशर की कमी से गंभीर मरीजों को खतरा सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. एचआर खान ने बताया कि ऑपरेशन किसी तरह हो सकता है, लेकिन गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर पर नहीं रखा जा सकेगा। वेंटिलेटर के लिए प्रेशरयुक्त ऑक्सीजन जरूरी है, जो सिलेंडर से पर्याप्त नहीं मिल पाता। तीन मई को भवन गिरने की घटना में ऑक्सीजन पाइपलाइन टूटने के बाद एक मरीज को रिम्स भेजना पड़ा था, क्योंकि सिलेंडर से पर्याप्त प्रेशर नहीं मिला। जानकारी हो कि अन्य विभागों में भी यह समस्या हो सकती है, जहां मरीजों को वेंटीलेटर की जरूरत होगी। एलएमओ प्लांट की प्रक्रिया जारी एमजीएम साकची में एमजीएम साकची में इतने डी-टाइप सिलेंडर को सुरक्षित रखे हुए हैं। वहीं, 2016 से एलएमओ प्लांट है और कोरोना काल में पीएसए प्लांट भी लगाया गया था, जिससे वहां कभी ऑक्सीजन की कमी नहीं हुई। एमजीएम डिमना में भी एलएमओ लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, लेकिन इसके पूरा होने में कुछ महीने लग सकते हैं। एलएमओ प्लांट नहीं रहने से ऑक्सीजन उतना प्रेशर से नहीं जा सकेगा। इससे कुछ काम बाधित होगा, लेकिन एलएमओ लगाने की प्रक्रिया चल रही है। कुछ महीने में लग जाएगा। डॉ. जुझार मांझी, उपाधीक्षक एमजीएम अस्पताल

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