जर्जर अस्पताल के बी ब्लॉक में पहले भी हुआ है हादसा, नहीं चेता प्रशासन
एमजीएम अस्पताल में कई बार छज्जा गिरने की घटनाएं हो चुकी हैं। 30 दिसंबर 2021, 4 मार्च 2022 और 14 जून 2023 को छज्जा गिरने से लोग बाल-बाल बचे। बावजूद इसके, सुरक्षा उपायों में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।...

एमजीएम अस्पताल के बी ब्लॉक में पहले भी हादसा होता रहा है। 30 दिसम्बर 2021 को मरम्मत के दौरान छज्जा टूटकर गिर गया था। हालांकि इस दुर्घटना में कोई हताहत नहीं हुआ था। उस वक्त सुरक्षा का मुद्दा उठा था और जांच व कार्रवाई का आदेश दिया गया था। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई और ठोस उपाय तक नहीं ढूंढे गए। 14 जून 2023 को हुआ था एक और हादसा इस दिन भी एमजीएम अस्पताल की सर्जिकल बिल्डिंग का बाहरी छज्जा अचानक टूटकर गिरा था। इससे वहां से गुजर रहे लोगों के बीच अफरातफरी मच गई थी। कई लोग छज्जा के टुकड़े की चपेट में आने से बाल-बाल बचे थे।
इसके कारण वहां होमगार्ड के एक जवान को तैनात कर दिया गया था। 4 मार्च 2022 को भी छज्जा गिरा था एमजीएम अस्पताल परिसर में सर्जिकल वार्ड का छज्जा ढह गया था। छज्जा गिरने से आसपास खड़े मरीजों के परिजन जान बचाकर भागे थे। घटना में अस्पताल परिसर में खड़ी स्कूटी और एक बुलेट क्षतिग्रस्त हो गए थे। इससे कुछ दिन पहले 28 फरवरी को एमजीएम इमरजेंसी वार्ड में छत का प्लास्टर गिर गया था। इससे पहले वर्ष 2018 में हुआ था हादसा 10 जून 2018 को एमजीएम अस्पताल के इमरजेंसी विभाग की पार्किंग का छज्जा टूटकर गिरा था। इसके गिरने से दो साल पूर्व ही पांच करोड़ की लागत से एमजीएम अस्पताल की मरम्मत की गई थी। इसके बावजूद ठेकेदार पर कार्रवाई नहीं की गई। बाद में इमरजेंसी वार्ड को पूरी तरह से परिवर्तित कर जहां पार्किंग थी, वहां कोविड में वार्ड बना दिया गया।
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