झारखंड मौसम पर बड़ा अपडेट, आज इन जिलों में होगी झमाझम बारिश; तूफानी हवाएं भी चलेंगी
- Jharkhand Weather: झारखंड के मौसम को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार को झारखंड के कई जिलों में तेज बारिश और हवाएं चलने की संभावना है।

Jharkhand Weather: झारखंड का मौसम बदलने वाला है। रांची समेत पूरे राज्य में हवा ने अपना रुख बदल लिया है। राजधानी समेत इसके दक्षिणी भाग में शुरू हुई पूर्वी हवा के कारण प्रदेश में शुक्रवार से अगले तीन दिन तक तेज हवा और गरज के साथ बारिश हो सकती है। हवा में आए बदलाव से संताल के देवघर और कोल्हान के पूर्वी सिंहभूम में गुरुवार को बारिश हुई।
वहीं, पिछले 24 घंटों के बीच रामगढ़, हजारीबाग, गिरिडीह आदि जिलों में हल्की बारिश दर्ज की गई। राज्य में मौसम में बदलाव का यह सिलसिला अप्रैल के अंत तक जारी रह सकता है। मौसम विभाग के अनुसार सूबे में अगले तीन दिन के बीच अधिकतम तापमान में दो से तीन तक डिग्री की वृद्धि हो सकती है। इसके बाद ही कुछ बदलाव की उम्मीद है। पूरे राज्य में अभी अधिकतम तापमान औसत से दो से चार डिग्री तक नीचे है। मौसम में बदलाव के कारण रांची का अधिकतम तापमान 34.1 डिग्री और न्यूनतम तापमान 21.6 डिग्री दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान में एक से दो डिग्री की वृद्धि दर्ज की गई। गुरुवार को राज्य में सबसे अधिक गर्मी मेदिनीनगर में पड़ी। यहां राज्य में सबसे अधिकतम तापमान 39.4 डिग्री दर्ज किया गया।
निम्न दबाव की ट्रफ लाइन से उथल-पुथल
मौसम विभाग के अनुसार अभी पश्चिम से पूर्व असम के दक्षिणी भाग तक एक निम्न दबाव की ट्रफ लाइन बनी हुई है। यह मध्य प्रदेश के पूर्व से लेकर छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल के गंगा क्षेत्र और बांग्लादेश से होकर गुजर रहा है। वहीं, एक अन्य सिस्टम साइक्लोनिक सर्कुलेशन बिहार के ऊपर बना हुआ है, जो मौसम में बदलाव ला रहा है।
राज्य में भीषण गर्मी का अलर्ट
भारत सरकार के मौसम विज्ञान विभाग की चेतावनी के अनुसार झारखंड में अत्यधिक गर्मी के कारण लू (हीट वेव) चलने की आशंका है। इसको लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड के अभियान निदेशक ने राज्य के सभी उपायुक्तों को अलर्ट किया है। अपने-अपने जिले में लू से बचाव, उपचार व आपदा प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने का निर्देश दिया है।
इसके लिए हीट एक्शन प्लान भी भेजा है। लोंगों को लू से बचाव के लिए प्रभावी कार्य योजना के साथ उच्च जोखिम वाली संवेदनशील आबादी की पहचान कर विशेष सुरक्षा उपाय तत्काल करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सभी विभागों की सक्रिय भूमिका लू से होने वाले नुकसान को कम कर सकती है। इसके लिए जिलों के सभी विभाग अपने संस्थान एवं गैर सरकारी संगठनों के साथ समन्वय कर लू से बचाव की कार्ययोजना बनाएं।