jharkhand mukti morcha to fight bihar assembly election on 12 to 15 seats टूटा हेमंत सोरेन का सब्र, बिहार चुनाव में तेजस्वी यादव को झटका देने को तैयार, Jharkhand Hindi News - Hindustan
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टूटा हेमंत सोरेन का सब्र, बिहार चुनाव में तेजस्वी यादव को झटका देने को तैयार

बिहार विधानसभा चुनाव में झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा भी अपना प्रत्याशी उतारने के लिए कमर कसती नजर आ रही है।

Sudhir Jha लाइव हिन्दुस्तान, रांचीMon, 19 May 2025 08:36 AM
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टूटा हेमंत सोरेन का सब्र, बिहार चुनाव में तेजस्वी यादव को झटका देने को तैयार

बिहार विधानसभा चुनाव में झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा भी अपना प्रत्याशी उतारने के लिए कमर कसती नजर आ रही है। बिहार में अप्रैल के दौरान महागठबंधन की तीन बार हुई बैठकों में नजरअंदाज किए जाने और 21 सदस्यीय समन्वय समिति में जगह नहीं मिलने के कारण झामुमो के सब्र का बांध टूटने की कगार पर पहुंच गया है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अब तक उसी गर्मजोशी के साथ बिहार चुनाव में सीटें मिलने की उम्मीद महागठबंधन की अगुवाई कर रहे राजद नेता तेजस्वी यादव से कर रहे हैं, जिस गर्मजोशी के साथ हेमंत ने राजद को झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में सीटें दी थीं। लेकिन, अब तक बिहार विधानसभा चुनाव में झामुमो को खास तवज्जो नहीं दिया गया है। ऐसे में इस बात की आशंका प्रबल हो गई है कि बिहार विधानसभा की 12 से 15 सीमावर्ती सीटों पर झामुमो महागठबंधन के बाहर रहकर अपना प्रत्याशी देगा।

झामुमो के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि झारखंड की छोटी विधानसभा (81 सीट) में राजद को गठबंधन की अगुवाई करते हुए झामुमो ने उदार मन से छह सीटें दी थीं। सरकार बनने के बाद एक मंत्री पद भी दिया है।

झामुमो ने अप्रैल माह के दौरान अपने महाधिवेशन के दौरान राष्ट्रीय पार्टी के रूप में अपना विस्तार करने के लिए राजनीतिक प्रस्ताव पर मुहर लगाई है। ऐसे में बिहार चुनाव से पीछे हटने का झामुमो का इरादा नहीं है। राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठकों में झामुमो को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है, अब जिलों में प्रस्तावित कार्यक्रमों की तैयारियों के लिए होने वाली बैठकों में झामुमो को शामिल होने का न्योता नहीं मिला है। ऐसे में पार्टी एकला चलो का रास्ता अपनाने को मजबूर होगी।

बिहार में झामुमो के प्रभाव की बात करें तो झारखंड बनने के बाद झामुमो एक बार वर्ष 2010 में केवल एक सीट चकाई से जीत सका था। उस समय झामुमो के टिकट पर सुमित कुमार सिंह ने जीत हासिल की थी। सुमित कुमार सिंह अभी चकाई से ही निर्दलीय विधायक हैं और सरकार में विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री भी हैं। वैसे, झामुमो का प्रभाव बिहार की दर्जनभर सीटोंपर है।

समन्वय बनाने का हो रहा पूरा प्रयास

झामुमो महासचिव सह प्रवक्ता विनोद कुमार पांडेय के अनुसार, पार्टी ने अपने महाधिवेशन में झारखंड के साथ ही बिहार, असम, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने का प्रस्ताव पारित किया है। इसके तहत बिहार की सीमावर्ती सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बनाई गई है। झामुमो महागठबंधन में समन्वय बनाने का पूरा प्रयास कर रहा है, लेकिन उचित सम्मान नहीं मिलने की स्थिति में झामुमो अपने दम पर बिहार में चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है।