झारखंड के निजी स्कूलों को राहत, अब हर साल नहीं देनी होगी फीस
झारखंड के निजी स्कूलों को हाईकोर्ट से राहत मिली है। निजी स्कूलों के अब संबद्धता के लिए राज्य सरकार को हर साल फीस नहीं देनी होगी। हाईकोर्ट ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत राज्य सरकार के उस नियमावली को गलत बताया है।

झारखंड के निजी स्कूलों को हाईकोर्ट से राहत मिली है। निजी स्कूलों के अब संबद्धता के लिए राज्य सरकार को हर साल फीस नहीं देनी होगी। हाईकोर्ट ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत राज्य सरकार के उस नियमावली को गलत बताया जिसमें हर साल निजी स्कूलों से संबद्धता के लिए फीस ली जाती है। चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने शुक्रवार को इस मामले में अपना फैसला सुनाया।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को उस नियम को सही बताया है जिसमें ग्रामीण इलाकों के स्कूल के लिए 60 डिसमील और शहरी क्षेत्र के स्कूलं के लिए 40 डिसमील जमीन को अनिवार्य किया गया है। लेकिन इस नियम को छह माह तक कोर्ट ने शिथिल कर दिया है। स्कूलों को इस नियम का पालन करने के लिए छह माह का समय दिया गया है।
इस संबंध में झारखंड प्राइवेच स्कूल एसोसिएशन और अन्य निजी स्कूलों ने याचिका दायर की थी। इसमें शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत राज्य सरकार के वर्ष 2019 के नियमावली के तीन बिंदुओं को कोर्ट में चुनौती दी थी।