झारखंड में अभिभावकों की नए सत्र में जेब होगी ज्यादा ढीली, प्राइवेट स्कूलों में 7% तक बढ़ी स्कूल फीस
- भिभावक खुशबू देवी ने बताया कि इंदूमति टिबड़ेवाल स्कूल में वर्ग एक का एक हजार रुपए फीस है। इसके अलावा किताब भी अन्य स्कूलों की अपेक्षा सस्ता है।

झारखंड के चतरा जिला मुख्यालय स्थित निजी स्कूलों में अन्य वर्षों की तरह इस सेशन में भी स्कूल फी के साथ-साथ किताब कॉपियों के मूल्य में 5 से 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। निजी स्कूलों के फीस में बढ़ोत्तरी का सिलसिला हर वर्ष जारी रहता है। स्कूल फीस के साथ-साथ बस का भाड़ा में भी बढ़ोत्तरी होती है।
निजी स्कूलों का किताब कॉपी उसके द्वारा चिन्हित बुक स्टॉल से ही लेने की चेतावनी दी जाती है। इन किताब दुकानों से इन स्कूलों सांठ गांठ रहता है। अलग-अलग स्कूलों के लिये अलग अलग किताब दुकान में भेजा जाता है, जहां उस स्कूल के बुक उपलब्ध रहते हैं।
इंदुमति टिबड़ेवाल सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल के प्राचार्य रमेश कुमार सिंह ने बताया कि हमारे स्कूल में स्कूल फीस में प्रति वर्ष 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। किताब के सबंध में उन्होंने बताया कि विद्या भारती द्वारा मूल्य निर्धारण किया जाता है। इसमें स्कूल का कोई लेना देना नहीं है। बच्चों का स्कूल फीस 1100 से 1900 रुपए प्रति माह है।
वहीं अभिभावक खुशबू देवी ने बताया कि इंदूमति टिबड़ेवाल स्कूल में वर्ग एक का एक हजार रुपए फीस है। इसके अलावा किताब भी अन्य स्कूलों की अपेक्षा सस्ता है। अभिभावक नेहा कुमारी दुबे न बताया कि कि हमारे तीन बच्चे इस स्कूल में पढ़ रहे है। इस स्कूल का फीस बहुत ज्यादा नहीं है।
निजी स्कूल एसोसिऐशन पासवा के प्रदेश महासचिव नीरज कुमार सहाय ने बताया कि छोटे नन एफ्लियेट स्कूल न्यूनतम फीस में अधिकतम गुणात्मक शिक्षा देने का कार्य कर रहे हैं। 500 से 600 रुपए मासिक शुल्क है। अभिभावकों के आर्थिक स्थिति के कारण वर्ष भर का भी फी नहीं मिल पाता है। यही कारण है कि निजी स्कूल सरकार से प्रोत्साहन राशि की मांग कर रहे हैं।