संत माइकल नेत्रहीन विद्यालय पहुंचे रामशोभा के सदस्य
- ब्रेल लिपि विधि से पढ़ाई के बारे ली जानकारी, प्राचार्य ने शैक्षणिक भ्रमण के उद्देश्यों पर डाला प्रकाश

रामगढ़, शहर प्रतिनिधि। रामशोभा कॉलेज ऑफ एजुकेशन चुटुपालु रामगढ़ के बीएड सत्र 2024-24 के प्रशिक्षुओं ने कौशल विकास अंतर्गत शुक्रवार को संत माइकल नेत्रहीन विद्यालय, रांची का प्राचार्या डॉ ज्योति वालिया, शिक्षकगण के नेतृत्व में भ्रमण किया। इस भ्रमण के तहत प्रशिक्षुओं ने देखा और जाना कि किस प्रकार दृष्टिहीन विद्यार्थी ब्रेल लिपि की सहायता से किताब को पढ़ते हैं, शिक्षक अधिगम सामग्री को तैयार करते हैं। ब्रेल मशीन की सहायता से स्पष्ट लिखना सीखते हैं। कौशल विकास पर बहुत से कार्यक्रम हुए हैं व सरकार और एनजीओ की मदद से विद्यार्थियों को छात्रवृति मिलती हैं। विद्यार्थियों को आयरलैंड की सहायता से विशेष साइकिल उपलब्ध कराया गया।
पाठशाला की प्रधानाध्यापिका सरिता तलान ने कहा कि विद्यार्थी बहुत मेहनत करते व ब्रेल लिपि की सहायता से गणित, विज्ञान, समाज इत्यादि की पढ़ाई करते हैं। डिजिटल लर्निंग स्किल्स, वोकेशनल एजुकेशन, झारखंड शिक्षा परियोजना जेसीईआरटी रांची की ओर से पढ़ाई करते हैं और सिखते हैं। डॉ ज्योति वालिया ने कहा कि हेलेन केलर के अनुसार अंधे होने से भी बदतर है दृष्टि का न होना। यह दृष्टिकोण हमें और आशा को बनाए रखने के महत्व को समझने के लिए प्रेरित करते हैं, चाहे हमारे पास शारीरिक सीमाएं हों या नहीं। एनईपी 2020 समावेशी शिक्षा, समानता और पहुंच पर जोर देता है। यह विद्यालय इन सिद्धांतों को अपनाकर छात्रों को सशक्त बनाने का कार्य करता है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों के अनुरूप है। इस कार्यक्रम की सूत्रधार सहायक व्याख्याता शिवानी कुमारी व अनिल कुमार प्रजापति रहे। इस शैक्षिक भ्रमण में सत्र 2024-26 के प्रशिक्षु शामिल हुए।
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