Bhuvan Ribhun Receives Prestigious Medal of Honor for Child Rights Advocacy वर्ल्ड ज्यूरिस्ट एसोसिएशन ने भुवन ऋभु को किया सम्मानित, Ramgarh Hindi News - Hindustan
Hindi NewsJharkhand NewsRamgarh NewsBhuvan Ribhun Receives Prestigious Medal of Honor for Child Rights Advocacy

वर्ल्ड ज्यूरिस्ट एसोसिएशन ने भुवन ऋभु को किया सम्मानित

- जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन के हैं संस्थापक, यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय बने झारखंड, रामगढ़झारखंड, रामगढ़झारखंड, रामगढ़झारखंड, रामगढ़

Newswrap हिन्दुस्तान, रामगढ़Tue, 6 May 2025 11:56 PM
share Share
Follow Us on
वर्ल्ड ज्यूरिस्ट एसोसिएशन ने भुवन ऋभु को किया सम्मानित

रामगढ़, शहर प्रतिनिधि। बाल अधिकार अधिवक्ता व जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) के संस्थापक भुवन ऋभु को वर्ल्ड लॉ कांग्रेस की बैठक में वर्ल्ड ज्यूरिस्ट एसोसिएशन (डब्ल्यूजेए) ने प्रतिष्ठित मेडल ऑफ ऑनर से सम्मानित किया है। वे यह सम्मान पाने वाले वे पहले भारतीय हैं। भुवन ऋभु का झारखंड और खास तौर से रामगढ़ से गहरा नाता रहा है। जहां जेआरसी के सहयोगी के तौर पर संस्था अग्रगति के साथ रामगढ़ जिले में बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं। बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन दुनिया का सबसे बड़ा कानूनी हस्तक्षेप नेटवर्क है जिसके सहयोगी संगठन देश के 416 जिलों में जमीन पर काम कर रहे हैं।

वर्ष 1963 में स्थापित वर्ल्ड ज्यूरिस्ट एसोसिएशन दुनिया के विधिवेत्ताओं की सबसे पुरानी संस्था है। जिसने न्याय के शासन की स्थापना में अपने योगदान के लिए विंस्टन चर्चिल, नेल्सन मंडेला, रूथ बेडर गिन्सबर्ग, स्पेन के राजा फेलिप षष्टम्, रेने कैसिन और कैरी कैनेडी जैसी ऐतिहासिक हस्तियों को सम्मानित किया है। जेआरसी के संस्थापक को मिले इस प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय सम्मान पर सहयोगी संगठन अग्रगति के निदेशक किरण शंकर दत्त ने कहा, यह सिर्फ भुवन जी का व्यक्तिगत सम्मान नहीं है। यह हमारे प्रयासों को नई गति और उर्जा देगा और राज्य सरकार व जिला प्रशासन के सहयोग से हम 2030 तक रामगढ़ को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन के राष्ट्रीय संयोजक रवि कांत ने कहा, हमारे संस्थापक को मेडल ऑफ ऑनर जैसा प्रतिष्ठित पुरस्कार मिलना न सिर्फ हमारे नेटवर्क के लिए ऐतिहासिक क्षण है बल्कि पूरे देश में बाल अधिकार आंदोलन के लिए मील का पत्थर है। भुवन ऋभु के सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों में दायर 60 से ज्यादा जनहित याचिकाओं के नतीजे में कई ऐतिहासिक फैसले आए हैं। जिसने देश में बाल अधिकार व बच्चों की सुरक्षा का पूरा परिदृश्य बदल दिया है। ऋभु की याचिका पर 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रैफिकिंग को पहली बार परिभाषित किया। साथ ही, 2013 में बच्चों की गुमशुदगी के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का जो ऐतिहासिक फैसला आया। उन्होंने अपनी किताब व्हेन चिल्ड्रेन हैव चिल्ड्रेन रू टिपिंग प्वाइंट टू इंड चाइल्ड मैरेज में पिकेट रणनीति के जरिए बाल विवाह के खात्मे का समग्र रणनीतिक खाका पेश किया जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 2024 में जारी दिशानिर्देशों में एक व्यापक मार्गदर्शिका के तौर पर मान्यता दी। अग्रगति भी इसी रणनीति पर अमल करते हुए रामगढ़ को वर्ष 2030 तक बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।