ब्रिटेन संग व्यापार समझौते में भारत को होंगे कई लाभ, जानिए किस सेक्टर को होगा फायदा
भारत और ब्रिटेन ने मंगलवार को काफी समय से लंबित मुक्त व्यापार समझौते को मंजूरी दे दी है। इसके तहत ब्रिटेन और भारत कई उत्पादों पर टैरिफ में बड़े पैमाने पर कटौती करेंगे। जानिए भारत में कौन सी चीजें हो जाएंगी सस्ती-
India UK Free Trade Agreement: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर सहमति बनने की आधिकारिक घोषणा कर दी है। इसके साथ ही भारत और ब्रिटेन ने एक ऐतिहासिक द्विपक्षीय व्यापार समझौते को भी मंजूरी दे दी है। बता दें कि भारत और ब्रिटेन के बीच बीते कई महीनों से मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बातचीत चल रही थी। अब इस पर सहमति बनने से ना सिर्फ दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि दोनों देशों के नागरिकों के लिए कई उत्पादों की कीमतें भी घट जाएंगी।
बता दें कि भारत, ब्रिटेन को मुख्यतः इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक सामान, इंजीनियरिंग उत्पाद, पेट्रोलियम उत्पाद, रेडीमेड कपड़े, रत्न और आभूषण, और कार्बनिक रसायन निर्यात करता है। वहीं भारत ब्रिटेन से मुख्यतः मशीनरी, फार्मास्यूटिकल, और अन्य औद्योगिक उत्पाद आयात करता है। फर्स्टपोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक समझौते की शर्तों के तहत भारत ब्रिटेन से आयात होने वाले 90 प्रतिशत उत्पादों पर टैरिफ घटाने जा रहा है। वहीं इनमें से 85% उत्पाद एक दशक के अंदर पूरी तरह से टैरिफ मुक्त हो जाएंगे।
किन सेक्टर्स को होगा फायदा
इस समझौते से भारत को कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण लाभ मिलने की उम्मीद है। खासकर टेक्सटाइल, फुटवियर, समुद्री उत्पाद और चमड़े के सामान जैसे श्रम-प्रधान उद्योगों के लिए ब्रिटेन के बाजार में निर्यात करना आसान होगा। वहीं ब्रिटेन इन उत्पादों पर आयात शुल्क में कटौती करेगा, जिससे भारतीय उत्पादों को मूल्य प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिलेगी। इसके अलावा भारत के आईटी, हेल्थकेयर और पेशेवर सेवाओं के क्षेत्र को भी ब्रिटेन में नए अवसर मिल सकते हैं।
ब्रिटेन को भी लाभ
दूसरी तरफ ब्रिटेन के लिए भी यह समझौता फायदेमंद साबित हो सकता है। स्कॉच व्हिस्की और लग्जरी कारों पर भारत द्वारा आयात शुल्क कम करने से इनकी भारतीय बाजार में पहुंच बढ़ेगी। साथ ही ब्रिटेन के इलेक्ट्रिक वाहन, चॉकलेट और कन्फेक्शनरी उत्पादों को भारत में नई जगह मिलेगी। सेवा क्षेत्र जैसे टेलीकम्युनिकेशन, बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस में भी ब्रिटेन को लाभ मिल सकता है। इससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को भी मजबूती मिलने की उम्मीद है।