Patratu Faces Water Crisis and Infrastructure Issues Despite Development Plans बोले रामगढ़ : इंतजार में आंखें पथराई, नहीं पहुंचा नल से जल, Ramgarh Hindi News - Hindustan
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बोले रामगढ़ : इंतजार में आंखें पथराई, नहीं पहुंचा नल से जल

पतरातू प्रखंड में हर घर नल योजना लागू नहीं होने से पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। 10,000 की आबादी वाले इस क्षेत्र में बिजली की खराब व्यवस्था, जर्जर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और सड़कें भी समस्या...

Newswrap हिन्दुस्तान, रामगढ़Sat, 10 May 2025 03:26 AM
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बोले रामगढ़ : इंतजार में आंखें पथराई, नहीं पहुंचा नल से जल

पतरातू। पूरे झारखंड में ख्याति प्राप्त पतरातू प्रखंड के केंद्र बिंदु पतरातू में आज तक हर घर नल योजना नहीं पहुंचा है। जिसके कारण यहां के पेयजल के लिए लोगों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। दस हजार की आबादी वाला यह क्षेत्र शहर और ग्रामीण परिवेश का इलाका है। पतरातू में सभी जगह ओपन बिजली तार लगे हुए हैं। जिससे आंधी पानी आने से बिजली के तार टूट जाते हैं और इलाके में ब्लैक आउट हो जाता है। कई जगह नालियों का अभाव होने से जल जमाव हो जाता है। यहां का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी अत्यंत जर्जर है।

इन समस्या को लेकर हिन्दुस्तान के बोले रामगढ़ की टीम से यहां के लोगों ने अपनी समस्या साझा की। लगभग 10000 आबादी वाला पतरातू अब शहर का रूप ले लिया है। इसी पतरातू के नाम पर पतरातू प्रखंड, अंचल, एसडीपीओ कार्यालय है। यहां तक कि चार हजार मेगावाट क्षमता का निर्माणाधीन सुपर क्रिटिकल पावर प्लांट पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड भी इसी पतरातू के नाम पर है। जिसका डंका देश विदेश में है। वही पतरातू आज विभिन्न समस्याओं से जूझ रहा है। वर्तमान समय में रामगढ़ जिला के इस प्रखंड में 42 पंचायत हैं। यहां पर का प्रखंड और अंचल कार्यालय है।इसके साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी है। जो अत्यंत जर्जर हो चुका है। इसके जगह पर दूसरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन होना अति आवश्यक है। हालांकि इसके ठीक बगल में कोरोना के लिए 100 बेड का एक प्री-फैब्रिकेटेड अस्पताल का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। संभावना है कि इसी 100 बेड के प्री - फैब्रिकेटेड अस्पताल मैं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को स्थानांतरित किया जा सकता है। लोगों का मानना है कि इस अस्पताल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन के रूप में नहीं देखा जा सकता है। ना ही यहां पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के जैसा सुविधा और व्यवस्था किया जा सकता है। केवल यह काम चलाऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बन सकता है। दूसरी ओर इस पतरातू पंचायत में झारखंड का विशाल डीजल लोकोमोटिव कारखाना, रेलवे कैरिज और बैगन मौजूद है। इसी पंचायत क्षेत्र में पतरातू का रेलवे स्टेशन बस और टेंपो पड़ाव और केंद्रीय विद्यालय भी मौजूद है। साथ ही हजारों मीटर में रेलवे डीजल कॉलोनी स्टीम कॉलोनी आदि फैला हुआ है। जहां पर वर्षों से रेलवे विभाग की ओर से दामोदर नदी में पानी एकत्रित करने के बाद फिल्टर कर जल आपूर्ति किया जाता है। वर्तमान समय में यहां पर एक ही पाली में पानी दिया जा रहा है। इस से लोगों को पेयजल का काफी दिक्कत उठाना पड़ रहा है।पतरातू से महज तीन चार किलोमीटर दूरी पर देश का विशाल और 4000 मेगावाट पावर का सुपर क्रिटिकल बिजली पावर प्लांट पीवीयूएनएल का निर्माण हो रहा है। साथ ही कुछ ही दूरी पर कोयलांचल शुरू हो जाता है। जिसके कारण यहां पर वाहनों का आवागमन होते रहता है। जिससे यहां की कम चौड़े वाले मुख्य पथ पर घड़ी-घड़ी जाम लग जाता है। पूरा कोयलांचल पतरातू से ही हो कर कर सड़क जाल फैला हुआ है। यही सड़क पूरे कोलांचल को जोड़ती है। यहां तक की पतरातू मैक्लुकसीगंज होते हुए बिहार को भी जोड़ने वाली सड़क मौजूद है। यहां पर वर्षों से सोमवार के दिन साप्ताहिक सोमवार बाजार लगती है। जहां पर बीजा, छापर, टोकीसूद,सोलिया, पलानी, कोतो, कटिया, हफूआ, पालू, रसदा, लबगा, सयाल, सौंदा, डाडीडीह, तालाटांड़, उचरिंगा, पतरातू, सांकुल, जयनगर, पीटीपीएस सहित कोयलांचल क्षेत्र के लोग खरीदारी करने के लिए पहुंचते हैं। यहां तक कि इस पतरातू बाजार की ख्याति इतनी है की बाजार करने के लिए लोग ट्रेन से पहुंचते हैं। इसके अलावा सोमवार के दिन इस बाजार में हर किस्म के व्यापार करने वाले लोग पहुंच कर अपना व्यापार करते हैं। इसी पंचायत क्षेत्र से झारखंड का विशाल दामोदर नद गुजराती है। इसी रेलवे कॉलोनी को पेयजल की सुविधा मिलती है। अनुमंडल बनाने के प्रस्ताव पर नहीं हुआ कोई फैसला वर्षों बीतने के बावजूद पतरातू को अनुमंडल बनाने के प्रस्ताव पर कोई फैसला नहीं हो सका है। जबकि दस वर्ष पूर्व सरकार को इसके लिए प्रस्ताव भेजा गया था। प्रस्ताव में भुरकुंडा और चैनगड़ा को प्रखंड बनाने का भी प्रस्ताव था। दस वर्ष बीतने के बावजूद पतरातू को अनुमंडल बनाने के प्रस्ताव पर नहीं हुआ है कोई फैसला। जबकि दस वर्ष पूर्व इस प्रस्ताव को सरकार के पास भेजा जा चुका है। यानि पतरातू को अनुमंडल, भुरकुंडा और चैनगड्डा को प्रखंड बनाने का मामला अभी भी अबतक साफ नहीं हो पाया है। सांकुल बस्ती जाने वाली सड़क हो चुकी है जर्जर सांकुल बस्ती जाने वाली सड़क जर्जर हो गई है। इसका उपयोग करने वाले हजारों लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उद्घाटन दो ढाई वर्ष पूर्व ही किया गया। इतने कम समय में ही सड़क पूरी तरह बर्बाद हो गई है। सड़क के करीब दो सौ मीटर का हिस्सा देखकर यह पता ही नहीं चलता है कि इस सड़क का निर्माण दो साल पूर्व ही हुआ है। अभी नाली के अभाव में पानी जमे रहते है। सड़क की ऐसी स्थिति हो जाने से सांकुल सहित बरवाटोला, किरीगढ़ा, टेरपा टोकीसुद आदि गांव के हजारों लोगों को प्रतिदिन परेशानी से रूबरू होना पड़ता है। अनुमंडल बनने पर मिलेंगी सुविधाए पहले पतरातू प्रखंड में कुल 46 पंचायतें थी। किंतु सरकार ने इस प्रखंड के 4 पंचायत को रामगढ़ नगर निगम में जोड़ दिया है। जिसके कारण अब वर्तमान समय में पतरातू प्रखंड में 42 पंचायत हैं। भुरकुंडा प्रखंड बनने के बाद उसमें 16 पंचायतें और चैनगड्डा में 6 पंचायतें, पतरातू में 20 पंचायतें रहेगी। जिससे पतरातू अनुमंडल क्षेत्र बनने के बाद लोगों काे काफी सुविधाएं मिलेगी।इधर इस बाबत पतरातू अधिकारियों से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि अनुमंडल बनाए जाने के लिए कम से कम तीन प्रखंड होना चाहिए। दूसरी ओर पतरातू में अनुमंडल पुलिस का कार्यालय वर्षों से काम कर रही है। इसलिए लोगों के बीच यह आस जगी हुई है। बच्चों के लिए खेल का मैदान भी नहीं पतरातू में खेल के मैदान के लिए भी लोगों की ओर से भरपूर प्रयास किया गया। किंतु आज तक खेल का मैदान भी नहीं बन पाया। पूर्व में अंचल अधिकारी शिव शंकर पांडेय ने इसके लिए प्रयास करते हुए जमीन का चयनित भी किया था। किंतु खेल का मैदान नहीं बन सका।जबकि पतरातू में पॉलिटेक्निक कॉलेज और डिग्री कॉलेज की कमी है। हालांकि इसके लिए पीटीपीएस क्षेत्र के जियाडा भूमि में पॉलिटेक्निक कॉलेज, डिग्री कॉलेज और तारामंडल के लिए जमीन चयनित किया गया है इसके लिए जिला के अधिकारियों ने इस चयनित भूमि का निरीक्षण कर चुके हैं। औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण पतरातू क्षेत्र में काफी प्रदूषण बढ़ गया है। प्रदूषण से मुक्ति मिले इसके लिए सरकार को आवश्यक कदम उठाना चाहिए। - संतोष गुप्ता। पतरातू पंचायत क्षेत्र में बिजली व्यवस्था लचर है। जगह-जगह बिजली के तार झूल गए हैं। साथ ही बिजली के तारों का मक्कड़ जाल फैला हुआ है। इसे दुरुस्त करने की आवश्यकता है। -संजय रवानी। नाली के अभाव में सांकुल रोड़ मे प्रतिदिन पानी बहता रहता है। जिससे खासकर स्कूली बच्चों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। कठिनाई को दूर करने के लिए करनी चाहिए। -बबीता देवी। पतरातू क्षेत्र शिक्षा जगत में काफी पीछे है। यहां पर समुचित स्कूल, कॉलेज, डिग्री कॉलेज पॉलिटेक्निक आदि की कमी है। क्षेत्र में प्रदूषण भी काफी है। - अजय वर्णवाल। पतरातू पंचायत में खेल का मैदान की सख्त आवश्यकता है। ताकि देश के कर्णधार खिलाड़ी और बच्चे खेल सकें। पतरातू में एक बड़ा खेल का मैदान की व्यवस्था करनी चाहिए। -सूरज प्रसाद। पतरातू के पतरातू रांची मुख्य मार्ग से जोड़ने वाली सांकुल मुख्य सड़क पर नाली के अभाव में इस सड़क पर दिनों भर पानी जमा रहता है। यहां पर नाली निर्माण कराया जाए।-मुन्नीलाल सिंह। पतरातू से पूरा कोयलांचल जुड़ा हुआ है। पतरातू रांची मुख्य मार्ग होने से गाड़ियों का आवागमन काफी होता है। इससे निजात दिलाने के लिए सरकार को आवश्यक कदम उठाना चाहिए। -राजेंद्र सिंह। पतरातू क्षेत्र में समुचित नाली की व्यवस्था नहीं होने से बारिश होने पर यहां के चौक चौराहों पर जल जमाव हो जाता है। इस पर आवश्यक लोगों को इस समस्या से निजात दिलाना चाहिए। -रंजीत ठाकुर। पतरातू क्षेत्र में सरकार की महत्वाकांक्षी हर घर नल योजना आज तक लागू नहीं हो सका है। जिसके कारण यहां के लोगों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। -क्रांति सिंह। पतरातू बाजार स्थित बेकार पड़े हुए शौचालय का जिर्णोद्धार होना चाहिए। यहां पर शौचालय नहीं होने से महिलाओं को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। -प्रमिला देवी। पतरातू में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जर्जर हो चुकी है। प्रखंड मुख्यालय स्थित इस जर्जर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन का पुनर्निर्माण होना चाहिए। -मुकेंद्र सिंह। पतरातू प्रखंड मुख्यालय है। यहां पर जर्जर अवस्था में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मौजूद है। यहां पर एक अच्छी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की जरूरत है। । -उदय अग्रवाल। पतरातू पंचायत में लगभग 10000 की आबादी है। किंतु यह पंचायत विभिन्न तरह के समस्याओं से जूझ रही है। यहां पर आज तक सरकार की महत्वाकांक्षी हर घर नल योजना लागू नहीं हो पाया है। जबकि इसके लिए उन्होंने उच्च अधिकारियों को कई बार पत्राचार कर चुके हैं। जर्जर सामुदायिक भवन होने के कारण पुराने प्रखंड भवन में लोगों के लिए इलाज की व्यवस्था की गई है। -गिरजेश कुमार, मुखिया। झारखंड सरकार आम आवाम को बुनियादी सुविधा देने में पूरी तरह से विफल है। खासकर वर्तमान समय में पूरा झारखंड पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है। पतरातू क्षेत्र में पेयजल के लिए आकर मचा हुआ है। जो भी लाभकारी योजनाएं हैं उसे भी क्रियान्वित करने में सरकार विफल है। पतरातू क्षेत्र में लोगों तक पानी पहुंचाने के लिए लगभग 90 प्रतिशत काम हो चुका है। -रोशन लाल चौधरी, विधायक।

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