बीआईटी मेसरा में टिकाऊ पर्यटन मॉडल पर चर्चा
रांची में बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान (बीआईटी), मेसरा ने टिकाऊ और पुनर्योजी पर्यटन प्रथाओं पर दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया। मुख्य अतिथि डॉ नोदिर करिमो ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान और एथनो टूरिज्म पर...

रांची, विशेष संवाददाता। बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान (बीआईटी), मेसरा के प्रबंधन विभाग की ओर से टिकाऊ और पुनर्योजी पर्यटन प्रथाओं के माध्यम से जिम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा देने पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन का समापन रविवार को हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में उज्बेकिस्तान के ताशकंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ ओरिएंटल स्टडीज के डॉ नोदिर करिमो उपस्थित थे। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय पर्यटन पर अपने विचार साझा किए और वैश्विक संबंधों को मजबूत बनाने में सांस्कृतिक आदान-प्रदान की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि सांस्कृतिक विरासत और टिकाऊ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एथनो टूरिज्म क्यों आवश्यक है। उन्होंने उज्बेकिस्तान के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों से परिचित कराया गया, जिनमें समरकंद, बुखारा और खिवा शामिल हैं, जो अपनी स्थापत्य कला की सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाने जाते हैं।
वहीं, झारखंड पर्यटन एवं विकास परिषद के उप निदेशक राजीव कुमार ने झारखंड की पर्यटन संभावनाओं और क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए परिषद की पहलों के बारे में बात की। सम्मेलन का समापन समारोह प्रबंधन विभाग के प्रमुख प्रो सुप्रियो राय ने टिकाऊ और जिम्मेदार पर्यटन प्रथाओं को बढ़ावा देने में ज्ञान के आदान-प्रदान के महत्व पर जोर दिया। आयोजन सचिव डॉ निशांत कुमार ने सम्मेलन की रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें कार्यक्रम की मुख्य चर्चाओं और परिणामों का व्यापक सारांश प्रस्तुत किया गया। उनकी रिपोर्ट में मुख्य और तकनीकी दोनों सत्रों से प्राप्त प्रमुख अंतर्दृष्टि को शामिल किया गया और ऐसे कार्यान्वयन योग्य निष्कर्षों को बताया, जो भविष्य की पहलों को प्रेरित कर सकते हैं। समारोह में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए , जिसमें उनके बहुमूल्य योगदान को मान्यता दी गई।
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