बीआईटी मेसरा में तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू
रांची में बीआईटी मेसरा में सतत विकास के लिए जैव प्रौद्योगिकी पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन हुआ। प्रमुख अतिथियों ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महिलाओं के सशक्तीकरण पर जोर दिया। सम्मेलन...

रांची, वरीय संवाददाता। बीआईटी मेसरा में सतत विकास के लिए जैव प्रौद्योगिकी, विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ गुरुवार को हुआ। प्रमुख अतिथि बीआईटी मेसरा के कुलपति प्रो इंद्रनील मन्ना, आशोका विश्वविद्यालय सोनीपत के डॉ अनुराग अग्रवाल, एनआईपीजीआर दिल्ली के डॉ आलोक कृष्ण सिन्हा और प्रो कुणाल मुखोपाध्याय ने कार्यक्रम का उद्घान किया। आयोजन राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी भारत के सहयोग से हो रहा है। प्रो इंद्रनील मन्ना ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और विज्ञान में महिलाओं के सशक्तीकरण को बढ़ावा देने की अकादमी की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। डॉ अनुराग ने बताया कि कैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैविकी के क्षेत्र में क्रांति ला सकता है। उन्होंने रोगों की शीघ्र पहचान, व्यक्तिगत चिकित्सा, और मानसिक स्वास्थ्य सहायता के लिए सहायक चैटबॉट्स जैसे एआई अनुप्रयोगों के बारे में चर्चा की। डॉ आलोक कृष्ण सिन्हा ने पौधों के जैविकी, पर्यावरणीय जैव प्रौद्योगिकी और जैव सुरक्षा पर अपने शोध को साझा किया। डॉ पिनाकी सार, आईआईटी खड़गपुर ने पर्यावरणीय जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र भारत की जैव सुरक्षा और जैव सुरक्षा नीतियों पर चर्चा की। उन्होंने बायोसाइंस अनुसंधान को जिम्मेदार तरीके से बढ़ावा देने और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
अगले सत्र में डॉ सुजय राकेशीत ने जीनोमिक्स में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साझा की। डॉ अभिजीत कर ने द्वितीयक कृषि के महत्व पर विचार करते हुए यह बताया कि यह ग्रामीण औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने, रोजगार सृजन, स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और सतत प्रथाओं को समर्थन देने में मदद कर सकता है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।