सरना कोड की मांग को लेकर धरना 26 को
रांची में विभिन्न आदिवासी संगठनों की बैठक हुई, जिसमें सरना धर्मकोड को जनगणना प्रपत्र में शामिल करने की मांग की गई। बैठक में पूर्वमंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि आदिवासियों को धार्मिक पहचान मिलनी चाहिए।...

रांची, वरीय संवाददाता। विभिन्न आदिवासी संगठनों की बैठक गुरुवार को पंडरा अखड़ा में हुई। अध्यक्षता पूर्वमंत्री बंधु तिर्की ने की। बैठक में हेसल, बजरा, पंडरा, दहीसूत, बनहोरा, हेहल, कमड़े, कटरगोंदा, चटकपुर सहित कई गांवों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इसमें 26 मई को सरना धर्मकोड की मांग को लेकर राजभवन के समीप धरना का निर्णय लिया गया। बंधु तिर्की ने कहा कि देश के सभी आदिवासी सरना धर्मावलंबियों की मांग है कि सरना धर्मकोड को जनगणना प्रपत्र में शामिल किया जाए। साथ ही भारत के आदिवासियों को धार्मिक पहचान मिलनी चाहिए। केंद्रीय सरना संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष शिवा कच्छप ने कहा कि आदिवासियों की पहचान मिटाने की साजिश हो रही है, देश के 18 करोड़ आदिवासी अपनी पहचान से अभी तक वंचित हैं।
बैठक में सुका उरांव, पूर्व मुखिया सुनिल तिर्की, पूर्व मुखिया संजय तिर्की, दिनेश उरांव, भोला तिर्की, लालू खलखो, बुधवा उरांव, एतवा उरांव सहित अन्य मौजूद थे।
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