Hanuman Jayanti Celebrated with Devotion and Enthusiasm in Simdega ... रघुपति किन्हीं बहुत बड़ाई, तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई, Simdega Hindi News - Hindustan
Hindi NewsJharkhand NewsSimdega NewsHanuman Jayanti Celebrated with Devotion and Enthusiasm in Simdega

... रघुपति किन्हीं बहुत बड़ाई, तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई

सिमडेगा में शनिवार को हनुमान जयंती श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई। मंदिरों में विशेष पूजन, भजन-कीर्तन और सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं ने संकटमोचन से कल्याण की कामना की। हनुमान वाटिका...

Newswrap हिन्दुस्तान, सिमडेगाSat, 12 April 2025 08:30 PM
share Share
Follow Us on
... रघुपति किन्हीं बहुत बड़ाई, तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई

सिमडेगा, प्रतिनिधि। जिला मुख्यालय और आस-पास के क्षेत्रों में शनिवार को हनुमान जयंती पूरे श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई। इस अवसर पर मंदिरों में विशेष पूजन, भजन-कीर्तन और सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। हनुमान मंदिर के मौके पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ हनुमान मंदिरों में उमड़ती रही। हनुमान जयंती पर जिले भर में भक्ति का माहौल देखने को मिला। भक्तों ने संकटमोचन से अपने और समाज के कल्याण की कामना की। इधर शहर के थाना परिसर स्थित हनुमान वाटिका को फूलों, झालरों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया था। हनुमान वाटिकाम में पंडित सोमनाथ मिश्रा के नेतृत्व में सत्यनारायण कथा का आयोजन किया गया। इसके बाद शाम में शिव चर्चा का आयोजन किया गया। जिसमें स्थानीय श्रद्धालुओं ने भाग लेकर धार्मिक विचारों को साझा किया। रात्रि में प्रसिद्ध भजन गायक पंडित इंद्र शंकर झा के द्वारा भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। उनके मधुर भजनों ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।

हनुमान जी के आगे बुराई कभी टिक नहीं सकती: डॉ पद्मराज स्वामी जी महाराज

टुकुपानी स्थित ज्योतिष गुरुकुल में शनिवार को हनुमान जनमोत्‍सव भक्तिभाव के साथ मनाई गई। मौके पर मंगल पाठ, आरती, प्रभु श्रीराम एवं प्रभु हनुमानजी का संकीर्तन किया गया। साथ ही प्रसाद वितरण भी किया गया। मौके पर साध्वी वसुन्धरा जी महाराज ने भजन प्रस्तुत की। हनुमान जनमोत्‍सव की शुभकामना देते हुए कथावाचक डॉ. पद्मराज स्वामी जी महाराज ने कहा कि हनुमान जी का जन्मोत्सव सद्गुणों का जन्मोत्सव है। हनुमान जी के आगे बुराई कभी टिक नहीं सकती और अच्छाई सिर उठाकर बेधड़क चल सकती है। उन्‍होंने कहा कि हनुमान जी के समान कोई बड़भागी नहीं है। प्राय: भक्त भगवान के पीछे चलते हैं। किन्तु हनुमान जी ऐसे भक्त हैं, जिन्हें प्रभु स्वयं अपने से आगे रखते हैं। भगवान श्रीराम ने भी हनुमान जी को मात्र भक्त के रूप में नहीं देखा। उन्‍होंने हनुमान जी को पुत्र, भाई और मित्र के रूप में देखा। कथावाचक ने गोस्वामी तुलसीदास के दोहे रघुपति किन्हीं बहुत बड़ाई, तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई सुनाते हुए कहा कि महिमा का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जो भगवान का सम्मान करे वह भाग्यशाली है और भगवान स्वयं जिनका सम्मान करें वे महाभाग्यशाली हैं। उन्‍होंने कहा कि प्रभु हनुमान जी का नाम लेने मात्र से संकट और पीड़ा दूर हो जाता है। इधर रामजानकी मंदिर परिसर में भी सुंदर कांड के पाठ का आयोजन किया गया। मौके पर पंडित वासुदेव गौतम के अगुवाई में सुंदर कांड पाठ का आयोजन किया गया।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।