जेपीएससी सचिव के पुत्र के परीक्षार्थी होने पर विवाद, सचिव बोले नहीं कर सकता पद का दुरुपयोग
झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के सचिव जगजीत सिंह के पुत्र के छठी जेपीएससी की मुख्य परीक्षा के अभ्यर्थी होने से नया विवाद पैदा हो गया है। इस सवाल को लेकर अभ्यर्थियों में नाराजगी है। अभ्यर्थियों का...

झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के सचिव जगजीत सिंह के पुत्र के छठी जेपीएससी की मुख्य परीक्षा के अभ्यर्थी होने से नया विवाद पैदा हो गया है। इस सवाल को लेकर अभ्यर्थियों में नाराजगी है। अभ्यर्थियों का कहना है कि जेपीएससी बनने के बाद से लगातार पक्षपात, हेराफेरी और भाई-भतीजावाद होता रहा है।
अभ्यर्थियों ने बताया कि सचिव ने जुलाई 2018 को पत्र जारी कर बताया था कि उनके पुत्र इस परीक्षा में अभ्यर्थी हैं। इस कारण उन्हें छठी जेपीएससी परीक्षा से अलग रखा जाए। लेकिन इसकी जानकारी सरकार के कार्मिक विभाग को नहीं दी गई। वह परीक्षा को लेकर लगातार दिशा-निर्देश दे रहे हैं। साथ ही छठी जेपीएससी के पीटी रिजल्ट को लेकर कोर्ट में चल रहे मामले में वे खुद पेश भी हो रहे हैं। अभ्यर्थियों ने मांग की है कि सदन में मामले को संज्ञान में लाकर जेपीएससी परीक्षा रद्द करायी जाए। अभ्यर्थी शशि पन्ना, अजित लकड़ा, अमन लकड़ा सहित अन्य छात्रों ने बताया कि पीटी के परीक्षाफल में आरक्षण को लागू करने के बाद दो बार मुख्य परीक्षा की तिथि स्थगित की जा चुकी है। लेकिन अभी तक सामाधान नहीं हो पाया है, इसके बाद भी परीक्षा आयोजित की जा रही है।
कार्मिक विभाग को नहीं भेजा पत्र
पुत्र के परीक्षा में शामिल होने संबंधी घोषण पत्र को कार्मिक विभाग में नहीं भेजे जाने के मामले पर सचिव ने बताया कि उन्होंने अध्यक्ष को पीतपत्र सौंपा था। परीक्षा आयोजन की जिम्मेवारी परीक्षा नियंत्रक को दी गई थी। उन्होंने कहा कि सारे आरोप बेवजह लगाए जा रहे हैं और इसे राजनीतिक मुद्दा बनाया जा रहा है। कोर्ट में चल रही छठी जेपीएससी परीक्षा से संबंधित केस के सिलसिले में उन्हें प्रस्तुत होना पड़ता है। इससे परीक्षा आयोजन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
नैतिकता के आधार पर हटे थे मनोज झा
जेपीएससी के पूर्व सचिव मनोज झा की पुत्री छठी जेपीएससी परीक्षा में शामिल हुई थी। इसका जमकर विरोध हुआ। राजनीतिक दलों के नेताओं के अलावा छात्रों ने इसका विरोध किया था। इसके बाद नैतिकता के आधार पर मनोझ झा को पद छोड़ना पड़ा था।
क्या कहते हैं जेपीएससी के सचिव जगजीत सिंह
परीक्षा से संबंधित वित्तीय अधिकार मेरे पास है। इससे परीक्षा प्रभावित नहीं होती है। परीक्षा आयोजित होने के बाद सारी उत्तर पुस्तिका उपायुक्त के पास जमा होती है। वहां से आयोग के परीक्षा नियंत्रक के पास कॉपी जमा की जाती है। इसमें कहीं से भी मैं अपने पद का दुरुपयोग नहीं कर सकता।