भागवत गीता में बताए इन 7 नियम को करें फॉलो, जिएंगे हेल्दी लाइफ
Diet rules from Bhagavad Gita: भागवत गीता केवल आध्यात्म से जुड़ी किताब नही हैं बल्कि इससे आपको फूड और लाइफस्टाइल से जुड़ी सीख भी मिलती है। हेल्दी रहना चाहते हैं तो भागवत गीता में बताएं इन डाइट रूल्स को फॉलो करें।

हेल्दी लाइफ जीने के लिए नए-नए और मॉडर्न टेक्निक की जरूरत नही हैं। हमारे पुराणों में खाना खाने से लेकर सोने के नियम बताए हैं। जिन्हें फॉलो कर एक इंसान आसानी से स्वस्थ और लंबा जीवन जी सकता है। भागवद् गीता को केवल आध्यात्मिक पुस्तक नहीं माना जाता है। ये किताब हमें समाज में रहने से लेकर फूड और लाइफस्टाइल के बारे में भी गाइड करती है। इसीलिए प्रेजेंट टाइम में गीता पढ़ने से आपको लाइफस्टाइल के साथ ही हेल्थ, डाइट और मेंटल वेलनेस के बारे में भी नॉलेज मिलेगी। भागवद् गीता में 7 ऐसे ही नियम बताए गए हैं जिन्हें डाइट में फॉलो करने से लंबा और हेल्दी जीवन जिया जा सकता है। जानें क्या हैं वो हेल्दी डाइट रूल्स इन भागवद् गीता।
शरीर और दिमाग की मजबूती के लिए सात्विक भोजन चुनें
कहावत कही गई है 'जैसा खाओगे अन्न वैसा होगा मन' तो खाने का मेंटल हेल्थ पर सीधा असर होता है। भगवत पुराण के चैप्टर 17 में 7 से लेकर 10 श्लोक तक खाने को 3 टाइप में बांटा गया है। सात्विक, राजसिक और तामसिक। सात्विक भोजन उन लोगों को करना चाहिए जो बुद्धि,विद्या, सेहत चाहते हैं। मन को खुश रखना और संतुष्टि चाहते हैं तो ऐसे लोगों को सात्विक भोजन करना चाहिए। सात्विक भोजन मतलब फल, सब्जियां, दूध, अनाज, हल्के और सुपाच्य भोजन। ऐसे फूड ना केवल मूड को ठीक करते हैं बल्कि एनर्जी भी बढ़ाते हैं।
हमेशा ताजा खाना खाएं
श्लोक 10 में बताया गया है कि ज्यादा पके हुए, बिना स्वाद वाले, पहले से रखे हुए या बार-बार गर्म किए हुए खाने को नहीं खाना चाहिए। ऐसे फूड तामसिक होते हैं। जिसकी वजह से शरीर में आलस आता है और मेंटल क्लैरिटी खत्म होती है।
पूरे ग्रैटीट्यूड के साथ खाना खाएं
भागवद् गीता में कृष्ण ने कहा है कि खाने को पूरे सम्मान के साथ खाना चाहिए। माइंलेसली कुछ नहीं खाना चाहिए क्योंकि माइंड और बॉडी का सीधा रिलेशन होता है। जो बेटर डाइजेशन के साथ ही इमोशनल संतुष्टि से भी जुड़ा रहता है।
खाने में बैलेंस जरूरी है
आजकल डाइट रूल पोर्शन कंट्रोल को काफी महत्व दिया जा रहा है। लेकिन भागवद् गीता में पहले ही बताया गया है युक्त आहार यानी कि बैलेंस लाइफस्टाइल।
ना खाएं राजसिक भोजन
ऐसे खाने को बिल्कुल ना खाएं जो शरीर में एंजायटी, इच्छाएं और बेचैनी को बढ़ा देता हो। राजसिक भोजन खाने से ये समस्याएं होती है। ज्यादा मसालेदार, नमक, खट्टा स्वाद वाले भोजन राजसिक होते हैं। ऐसे भोजन जिसे खाने के बाद संतुष्टि, शांति और खुशी का अनुभव हो। वहीं फूड्स खाने चाहिए।
नेचुरल मिठास वाले फूड से मिलेगा पोषण
गीता में कहा गया है कि सात्विक फूड हल्के मिठास लिए, रसभरे और ह्रदय को प्रसन्न करने वाले होंगे। ऐसे फूड जिनमे नेचुरल मिठास हो जैसे फल, शहद और कुछ अनाज। इन फूड्स को खाना चाहिए।
खाने का भी डिसिप्लिन होता है
खाना खाने का भी अनुशासन होता है। रोजाना फिक्स समय पर खाने से, नियम से सोने और लगातार खाने के नियम को फॉलो करने से बॉडी में बैलेंस बना रहता है और डाइजेस्टिव सिस्टम भी सही रहता है।
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