निगेटिव सोच वालों के साथ रहकर खुद को इन तरीकों से रखें पॉजिटिव Ways to stay positive around negative people

निगेटिव सोच वालों के साथ रहकर खुद को इन तरीकों से रखें पॉजिटिव

नकारात्मक लोगों के साथ समय बिताना बेहद कठिन होता है। उनकी नकारात्मकता न सिर्फ उन्हें, बल्कि सामने वाले व्यक्ति को भी परेशान कर सकती है। ऐसे लोगों के बीच कैसे खुद को रखें सकारात्मक, बता रही हैं स्मिताऐ

Avantika Jain हिन्दुस्तानSat, 29 March 2025 07:51 AM
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निगेटिव सोच वालों के साथ रहकर खुद को इन तरीकों से रखें पॉजिटिव

पढ़ाई में पिछड़ने का डर, ऑफिस में असफल होने का विचार, दूसरों से कमतर होने का भय- ये सभी नकारात्मक विचार हैं, जो हमें दिन-रात परेशान कर सकते हैं। जर्नल ऑफ साइकोलॉजिकल रिसर्च के अनुसार, हमारे 80% विचार नकारात्मक होते हैं। ये सभी विचार जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं-रिश्ते, काम, स्कूल पर आधारित होते हैं। इनमें से ज्यादातर विचार दूसरों के द्वारा कही गई बातों पर आधारित होते हैं। दरअसल, रोजमर्रा के जीवन में हमें घर-बाहर कई ऐसे लोगों का सामना करना पड़ सकता है, जो न केवल नकारात्मक बातें कहते हैं, बल्कि उनका व्यवहार भी नकारात्मक होता है।

कैसे प्रभावित करती है नकारात्मकता

जर्नल ऑफ मेंटल हेल्थ में प्रकाशित शोध बताते हैं कि अगर आप लगातार नकारात्मकता यानी निगेटिविटी से सामना करती रहती हैं, तो यह मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकती है। यह डिमेंशिया के जोखिम को बढ़ा सकती है। यह

अवसाद और घबराहट जैसे मनोवैज्ञानिक विकारों को भी जन्म दे सकती है। कैसे नकारात्मक लोगों के बीच अपनी मानसिक सेहत को बचाकर रखें, आइए जानें:

सख्ती के साथ करें मना

कुछ लोग हमेशा दूसरों के सामने अपना दुखड़ा रोते रहते हैं। किसी और के प्रति अपनी भड़ास निकालते रहते हैं। मनस्थली की संस्थापक और सीनियर साइकोलोजिस्ट डॉ. ज्योति कपूर बताती हैं, ‘ऐसे लोगों की बातों को सुनने में अपनी ऊर्जा खर्च करने की बजाय उन्हें उनकी सीमाओं के बारे में विनम्रता से बता दें। उन्हें दृढ़ता के साथ बताएं कि आप लगातार नकारात्मक बातें नहीं सुन सकती हैं। नकारात्मक विषयों पर चर्चा करना भी आपके लिए मुश्किल है। कई बार लंच के दौरान कुछ सहकर्मी शिकायतों का पिटारा खोल देते हैं। आप उसी समय उन्हें टोक दें और किसी भी नकारात्मक बातचीत को सख्ती के साथ मना कर दें। यह आपकी मानसिक सेहत के लिए सबसे अधिक जरूरी है।’

कारण समझने की कोशिश करें

डॉ. ज्योति कपूर बताती हैं, ‘कई बार व्यक्ति नकारात्मक लोगों से घिरा होता है और उनके कारण वह व्यथित होता रहता है। इसलिए यदि कोई व्यक्ति उसकी बात सुन लेता है, तो वह उसके सामने नियमित रूप से अपनी पीड़ा प्रकट करने लगता है। यदि आप सुनने वालों में से एक हैं, तो उस व्यक्ति के नकारात्मक होने का कारण समझने की कोशिश करें। इससे उनसे निपटना आसान हो जाएगा। आप उन चुनौतियों पर विचार कर सकती हैं, जिनका वे सामना कर रहे हैं, ताकि आप उनकी नकारात्मकता के प्रति सहानुभूति रख सकें। आप उनकी समस्याओं के समाधान प्रस्तुत करने की भी कोशिश करें। इससे आप व्यक्तिगत रूप से सामने वाले की नकारात्मकता से कम प्रभावित होंगी।’

साथ करें गतिविधियां

अगर आप किसी व्यक्ति की नकारात्मकता से परेशान हैं, तो उसे अपर्नी ंजदगी से पूरी तरह से बाहर करने के बारे में नहीं सोचें। आप उससे मिलना-जुलना कम कर सकती हैं। इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि आप किसी नकारात्मक व्यक्ति के साथ बहुत अधिक समय नहीं बिताएं। उनके साथ अपनी मुलाकात की समय-सीमा छोटी रखें। यदि उनसे रोज मिलना होता है, तो ऐसी गतिविधियां शेड्यूल करें, जिससे आपकी उनके साथ होने वाली बातचीत सीमित हो जाए। उनके साथ फिल्म देखने या कोई गेम खेलने की योजना बना सकती हैं।

लें ध्यान-योग का सहारा

किसी नकारात्मक व्यक्ति के साथ समय बिताने से पहले ध्यान और गहरी सांस लेने, अनुलोम-विलोम जैसी योगिक प्रक्रियाएं अवश्य करें। इससे आपको अपना ध्यान केंद्रित करने और शांत बने रहने में मदद मिलेगी। जब आप नकारात्मक व्यक्ति के साथ हों, तो अपनी सांसों पर ध्यान दें और वर्तमान में रहने की कोशिश करें। जर्र्नंलग या कम दूरी के लिए टहलना जैसी गतिविधियों के माध्यम से तनाव को दूर करने के लिए समय निकालें। नकारात्मक व्यक्ति को भी हमेशा ध्यान-योग से जुड़ने के लिए प्रेरित करें। ध्यान-योग से मानसिक सेहत मजबूत होती है और व्यक्ति का मन भी सकारात्मक विचारों से भरता है।

राय बनाने से बचें

किसी को नकारात्मक मान लेना और उसकी भावनाओं को खारिज करना आसान है। पर, ऐसा करने से सामने वाले के साथ तनाव और गलतफहमी पैदा हो सकती है। यह भी संभव है कि उस व्यक्ति के पास दूसरे गुण हों। अपनी राय बनाने की बजाय उनके प्रति दयालु बनें। उनकी नकारात्मकता को उनके अनुभवों और संघर्षों के प्रर्तिंबब के रूप में देखने का प्रयास करें। उनके प्रति सहानुभूति रखते हुए उनसे ईमानदारी के साथ बातचीत करें। बातचीत को सकारात्मक बनाए रखने के तरीके उन्हें भी बताएं। सामने वाले के दृष्टिकोण को सुनने का भी प्रयास करें। नकारात्मक होने के कारण उनसे सम्मानपूर्वक संवाद करना कभी नहीं छोड़ें। निर्णय लेने से बचें और अपना खुद का सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करें।

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