एग्जाम के डर से बच्चों की हालत होती है खराब, जानिए इस पर काबू पाने के तरीके know ways to overcome Fear of exams, पेरेंटिंग टिप्स - Hindustan

एग्जाम के डर से बच्चों की हालत होती है खराब, जानिए इस पर काबू पाने के तरीके

  • एग्जाम के समय डर का होना ज्यादा परेशान करने वाली स्थितियों में से एक है। इस डर के कारण बच्चे का परफॉर्मेंस खराब हो सकता है और चिंता बढ़ सकती है। इस डर पर काबू पाने के लिए इन टिप्स को अपनाएं।

Avantika Jain लाइव हिन्दुस्तानMon, 6 Jan 2025 10:01 PM
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एग्जाम के डर से बच्चों की हालत होती है खराब, जानिए इस पर काबू पाने के तरीके

एग्जाम से एक रात पहले से ही दिल तेजी से धड़कना शुरू कर देता है। ऐसा हर बच्चे के साथ हो सकता है जो पूरी तैयारी करने के लिए पढ़ रहा हो या फिर पूरी तैयारी कर चुका हो। एग्जाम के समय की घबराहट बच्चों को सब याद किया भूला सकती है। एग्जाम के डर के कारण उनकी कोशिश और तैयारी बर्बाद हो सकती है। हालांकि, आप एग्जाम के डर पर काबू पा सकते हैं और अपनी पढ़ाई पर फिर से ध्यान लगा सकते हैं। जानिए, एग्जाम के डर को कैसे दूर करें और पढ़ाई पर ध्यान कैसे लगाएं।

पहले से करें तैयारी- एग्जाम की तैयारी पहले से ही शुरू कर दें और आखिरी समय पर सब कुछ छोड़ने से बचें। जब आप पहले से तैयार कर लेंगे तो रिविजन करने का समय मिलेगा। ज्यादा मुश्किल सबजेक्ट या टॉपिक को छोटे भागों में तोड़कर और उन्हें नियमित रूप से याद करें। जब आपकी पूरी तैयारी होगी तो एग्जाम के समय ज्यादा आत्मविश्वास महसूस करेंगे और एग्जाम का डर खत्म होगा।

टाइमटेबल सेट करें- अपनी ताकत और कमजोरियों को ध्यान में रखते हुए हर टॉपिक के लिए टाइम स्लॉट सेट करें। टाइमटेबल सेट करने से अंत समय की भागदौड़ को कम होती है और थकान भी कम होगी। जितना हो सके अपने शेड्यूल पर टिके रहें, लेकिन जरूरत पड़ने पर इसे बदल सकते हैं।

स्टडी प्लान बनाएं- स्टडी प्लान बनाना बहुत जरूरी है। प्लानिंग करने से न केवल आपका ध्यान लगेगा बल्कि हर चेप्टर को पूरा करने पर आपको कामयाबी का एहसास भी होगा। हालांकि, पढ़ाई के गोल्स सेट करें। जैसे आप एक चेप्टर पूरा पढ़ने के बाद ही उठेंगे या 5 मिनट में एक सवाल याद करेंगे वगैराह।

डॉक्टर से मिलें- अगर बच्चों को एग्जाम का बहुत डर है तो ये मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है और बच्चे में इसके लक्षण महसूस होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। इसमें डॉक्टर इलाज के लिए अलग-अलग थेरेपी का इस्तेमाल करते हैं।

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