गर्मी के मौसम में दिनभर थकान और चक्कर महसूस होता है तो खानपान में करें ये बदलाव
हम सबके पास ढेरों सवाल होते हैं, बस नहीं होता जवाब पाने का विश्वसनीय स्रोत। इस कॉलम केजरिये हम एक्सपर्ट की मदद से आपके ऐसे ही सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे। इस बार आहार विशेषज्ञ देंगी आपके सवालों के जवाब। हमारी एक्सपर्ट हैं, कविता देवगन।

गर्मियां शुरू होते ही कुछ लोगों को चक्कर आना, थकान और कमजोरी लगना बिल्कुल आम सी प्रॉब्लम बन जाती है। इस तरह की समस्या से निपटने के लिए एक्सपर्ट जवाब दे रही हैं। कई बार रोजमर्रा की लाइफ में हम छोटी-छोटी सेहत से जुड़ी दिक्कतों को झेलते हैं। लेकिन इन समस्याओं का हल किससे मांगे ये समझ ही नहीं पाते। ऐसे में न्यूट्रिशनिस्ट ने महिलाओं के कुछ सवालों के जवाब दिए हैं। जिससे जरूर आप भी रिलेट कर समाधान पा सकेंगी।
• गर्मी का मौसम आते ही मुझ पर थकान हावी होने लगती है। थोड़ी देर कुछ काम करने पर ही मेरी हालत खराब होने लगती है। गर्मी के मौसम से जुड़ी इस समस्या पर खानपान के माध्यम से कैसे काबू लाऊं?
-अंतिमा त्रिपाठी, वाराणसी
सेहतमंद और फिट लोगों के लिए भी गर्मी का मौसम बिताना मुश्किल हो जाता है। हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और इंफेक्शन इस मौसम से जुड़ी आम परेशानियां हैं, जिसके शिकार ढेर सारे लोग होते हैं। ऐसे में इन परेशानियों के लक्षणों से अवगत होना बहुत जरूरी है। डिहाइड्रेशन की सबसे आम निशानी खड़े होने पर चक्कर आना है। सूखे होंठ और जीभ, सिर में दर्द, बहुत ज्यादा थकान, चक्कर आना और मांसपेशियों में अकड़न भी डिहाइड्रेशन के ही लक्षण हैं। पर, गर्मी से परेशान होने पर एकदम ठंडा कोल्ड ड्रिंक या फिर शर्बत पीने की जगह ऐसी चीजों को खाने की कोशिश करनी चाहिए, जो शरीर को भीतर से ठंडा करें और मौसमी बीमारियों से लड़ने की शरीर को ताकत दे। नीचे दिए गए कुछ खाद्य पदार्थ इस काम में आपके लिए मददगार साबित होंगे:
मूंग स्प्राउट्स: हरे मूंग में शरीर को ठंडा रखने की क्षमता होती है। उबले आलू का ठंडा करें। उसमें खीरा और मुट्ठी भर स्प्राउट्स डालकर चाट तैयार करें। गर्मियों के लिए यह शानदार स्नैक्स साबित होगा। जिस पानी में आपने मूंग को रात भर के लिए भिगोया है, उसे पीने से भी शरीर को ठंडक मिलती है।
कोकम: मुख्य रूप से गुजरात और कोंकण इलाके में इस्तेमाल किया जाने वाला कोकम भी शरीर को ठंडा रखने की अद्भुत क्षमता रखता है। पूरी गर्मी अपने खानपान में इमली की जगह इसका इस्तेमाल करें।
नारियल पानी: गर्मी के मौसम में नारियल पानी से अपनी दोस्ती बढ़ाएं। शरीर को पर्याप्त मात्रा में नमी देने के साथ ही इसमें जरूरी मिनरल्स भी होते हैं, जो इलेक्ट्रोलाइट का संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं।
करेला: स्वाद में कड़वा होने के बावजूद करेला शरीर से अतिरिक्त गर्मी को सोखने का काम करता है। सप्ताह में दो से तीन बार इसे खाएं या फिर हर दिन दो से तीन चम्मच करेला जूस पिएं।
लौकी: लौकी में 96 प्रतिशत तक पानी होता है। यह शरीर को भीतर से ठंडा रखता है। साथ ही इसमें पोटैशियम होता है, जो इलेक्ट्रोलाइट के संतुलन को बरकरार रखकर थकान से बचाता है।
गुलकंद: गुलाब की पत्तियों से बनने वाला गुलकंद शरीर को ठंडा रखने के साथ थकान और दर्द आदि से भी राहत देता है। यह पाचन में मदद पहुंचाकर एसिडिटी से भी राहत देता है।
• पिछले कुछ सालों से मल्टीग्रेन आटे का चलन बढ़ा है। मैं यह जानना चाहती हूं कि क्या गेहूं का आटा सेहत के नुकसानदेह है? और अगर मैं मल्टीग्रेन आटे की ओर रुख करना चाहूं तो पैकेटबंद मल्टीग्रेन आटे का चुनाव करना ठीक होगा? मैं मल्टीग्रेन आटे को रोटी के अलावा और किस तरह से अपनी डाइट का हिस्सा बना सकती हूं?
-राधा वर्मा, मेरठ
अगर आपको ग्लूटन एलर्जी नहीं है, तो संतुलित मात्रा में गेहूं के आटे का सेवन करने में कोई दिक्कत नहीं है। अगर आप अपनी डाइट से गेहूं के आटे की मात्रा कम करना चाहती हैं तो हर दिन दो से तीन बार इसका सेवन करने की जगह सप्ताह में चार से पांच बार गेहूं के आटे का सेवन शुरू कर दें। सबसे आदर्श स्थिति तो यह होगी कि किसी एक अनाज का आटा नियमित रूप से खाने की जगह बारी-बारी से अलग-अलग अनाज जैसे गेहूं, मिलेट्स, सोया और चना के आटे को आप अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं। मल्टीग्रेन आटे का सेवन करने से बचें क्योंकि आपके शरीर को इन्हें एक साथ पचाने में दिक्कत हो सकती है और इसका नकारात्मक असर आपके पाचन तंत्र पर पड़ सकता है।
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