Mother's Day Poem: मां का दिल जीत सकती हैं ये कविताएं, स्टेटस अपडेट करने के लिए हैं बेस्ट
वैसे तो हर दिन मां का है लेकिन मदर्स डे का दिन खासतौर से उनके प्यार और समर्पण का आभार व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन आप मां लिखी कविताएं अपनी मम्मी को सुना सकते हैं। या फिर इन्हें स्टेटस पर भी लगाया जा सकता है।

मां हमारे जीवन का वो हिस्सा है बच्चों के जीवन को संवारने के साथ ही पूरे परिवार का ख्याल निस्वार्थ भावना के साथ करती है। बच्चों के लिए मां द्वारा किए गए सभी त्यागों को सेलिब्रेट करने के लिए मदर्स डे मनाया जाता है। इस साल ये खास दिन आज यानी 11 मई को मनाया जाएगा। ऐसे में आप अपनी मां को प्यारी कविताएं भेजें या फिर इन्हें स्टेटस पर लगाएं। प्यार भरी इन कविताओं को देखकर यकीनन मां का दिल खुश हो जाएगा।
1) आज मेरा फिर से मुस्कुराने का मन किया।
मां की उंगली पकड़कर घूमने जाने का मन किया।
उंगलियां पकड़कर मां ने मेरी मुझे चलना सिखाया है।
खुद गीले में सो कर मां ने मुझे सूखे बिस्तर पे सुलाया है।
मां की गोद में सोने को फिर से जी चाहता है।
हाथों से मां के खाना खाने का जी चाहता है।
लगाकर सीने से मां ने मेरी मुझको दूध पिलाया है।
रोने और चिल्लाने पर बड़े प्यार से चुप कराया है।
मेरी तकलीफ में मुझ से ज्यादा मेरी मां ही रोइ है।
खिला-पिला के मुझको मां मेरी, कभी भूखे पेट भी सोई है।
कभी खिलौनों से खिलाया है, कभी आंचल में छुपाया है।
गलतियां करने पर भी मां ने मुझे हमेशा प्यार से समझाया है।
मां के चरणों में मुझको जन्नत नजर आती है।
लेकिन मां मेरी मुझको हमेशा अपने सीने से लगाती है।
– हरिवंश राय बच्चन
2) मां ममता की खान है, धरती पर भगवान।
मां की महिमा मानिए, सबसे श्रेष्ठ-महान।
मां कविता के बोल-सी, कहानी की जुबान।
दोहो के रस में घुली, लगे छंद की जान।
मां वीणा की तार है, मां है फूल बहार।
मां ही लय, मां ताल है, जीवन की झंकार।
मां ही गीता, वेद है, मां ही सच्ची प्रीत।
बिन मां के झूठी लगे, जग की सारी रीत।
मां हरियाली दूब है, शीतल गंग अनूप।
मुझमे तुझमे बस रहा, मां का ही तो रूप।
मां तेरे इस प्यार को, दूं क्या कैसा नाम!
पाए तेरी गोद में, मैंने चारों धाम।
– सत्यवान सौरभ
3) ईश्वर का स्वरूप है मां
मेरे जीवन का रंग रूप है मां
मुझे मिला है जीवन उनसे
उनके कदमों में बसा स्वर्ग और जहान
शुभ संस्कार वो हमें बताती है
अच्छे-बुरे का फर्क समझती है
गलती पर सुधार का पाठ पढ़ाती है
प्यार वो हम पर खूब बरसाती है।
4) क्या सीरत क्या सूरत थी
मां ममता की मूरत थी
पांव छुए और काम बने
अम्मा एक महूरत थी
बस्ती भर के दुख-सुख में
एक अहम जरूरत थी
सच कहते हैं मां हमको
तेरी बहुत जरूरत थी
– मंगल नसीम
5) अंधियारी रातों में मुझको
थपकी देकर कभी सुलाती
कभी प्यार से मुझे चूमती
कभी डांटकर पास बुलाती
कभी आंख के आंसू मेरे
आंचल से पोछा करती वो
सपनों के झूलों में अक्सर
धीरे-धीरे मुझे झुलाती
सब दुनिया से रूठ रपट कर
जब मैं बेमन से सो जाता
हौले से वो चादर खींचे
अपने सीने मुझे लगाती
– अमित कुलश्रेष्ठ
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