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मां तुझे सलाम! श्योपुर में चीते के जबड़े से बेटे को बचा लाई, 10 मिनट तक चला संघर्ष

  • श्योपुर में विजयपुर के पास उमरीकला गांव का है। यहां घर में खेल रहे बच्चे पर कहीं से चीते ने हमला कर दिया। चीते ने बच्चे को जबड़े में दबा लिया। यह सब होते जब मां ने देखा तो वह सब छोड़कर अपनी संतान को बचाने में लग गई। 10 मिनट बाद मां की जीत हुई।

Utkarsh Gaharwar लाइव हिन्दुस्तान, श्योपुरThu, 20 March 2025 07:02 PM
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मां तुझे सलाम! श्योपुर में चीते के जबड़े से बेटे को बचा लाई, 10 मिनट तक चला संघर्ष

मां के लिए उसकी संतान से बढ़कर कुछ नहीं होता और उसी संतान पर अगर थोड़ी सी भी आंच आ जाए तो वही मां काली,चंडी या साक्षात दुर्गा बन जाती है। ताजा मामला श्योपुर में विजयपुर के पास उमरीकला गांव का है। यहां घर में खेल रहे बच्चे पर कहीं से चीते ने हमला कर दिया। चीते ने बच्चे को जबड़े में दबा लिया। यह सब होते जब मां ने देखा तो वह सब छोड़कर अपनी संतान को बचाने में लग गई। चीते से मां का संघर्ष 10 मिनट तक चला और आखिर में उसने बच्चे की जान बचा ली। बेटे सुरक्षित है हालांकि डॉक्टकरों ने उसके शरीर में 120 टांके लगाए हैं।

उमरीकला गांव में 9 साल का अविनाश उर्फ निर्मल धाकड़ शाम 6:30 बजे अपने घर की बाउंड्री के पास खेल रहा था और उसकी मां मवेशियों को चारा डाल रही थी। इस दौरान चीता आया और उसने वहां खेल रहे बच्चे पर हमला कर दिया। चीते ने बच्चे की गर्दन और चेहरे को अपने जबड़े में दबा लिया, तभी बच्चा चिल्लाया तो मां की नजर बच्चे पर पड़ी। मां दौड़ती हुई गई और चीते के जबड़े में हाथ डाल दिया। एक तरफ चीता बच्चे को खींचने में लगा था तो दूसरी ओर मां अपने बच्चे को किसी भी कीमत पर बचाने की कोशिश में जुटी थी। आखिरकार जान पर खेल कर मन अपने बच्चों को बचा लिया, लेकिन चीत गुर्राता हुआ बच्चे का शिकार करना चाहता था।

बच्चे की मां का नाम सुरक्षा है और वही उसने अपने बच्चे के लिए की। एक तरह से बच्चे की मां और चीता के बीच ठन गई। जब मां को यह लगा की चीता ऐसे नहीं मानने वाला तो उसने घायल निर्मल और अपने दूसरे बेटे को एक जगह छुपा दिया। चीता बार-बार बाउंड्री पर आकर बच्चों का शिकार करना चाहता था। 10 मिनट तक चीता यही देखता रहा कि आखिर बच्चा चला कहां गया।

वन विभाग का कहना है कि यह चीता नहीं बल्कि तेंदुए ने हमला किया है। जबकि घर वालों का कहना है कि कूनो नेशनल पार्क में चीते आने के बाद करीब 10 से 15 बार चीता उनके गांव के आसपास देखा गए हैं और वह अच्छी तरह पहचानते हैं, क्योंकि उसकी आंखों के आसपास काली धारियां थी। हमले में बुरी तरह से घायल हुए मासूम निर्मल को गंभीर हालत में ग्वालियर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसे 120 टांके आए हैं और उसकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है।

रिपोर्ट- अमित कुमार

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