वर्तमान में कुनो नेशनल पार्क में 26 चीते हैं, जिनमें 14 भारत में जन्मे शावक शामिल हैं। इनमें से 16 चीते खुले जंगल में घूम रहे हैं, जबकि 10 को पुनर्वास केंद्र (संरक्षित बाड़ों) में रखा गया है।
श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क से एक मादा चीता ज्वाला अपने चार शावकों के साथ गांव में पहुंच गई। ग्रामीणों ने अपने पशुओं की रक्षा के लिए लाठियां थाम रखी थीं। वन विभाग ने सलाह दी कि ग्रामीणों को चीता को...
श्योपुर में विजयपुर के पास उमरीकला गांव का है। यहां घर में खेल रहे बच्चे पर कहीं से चीते ने हमला कर दिया। चीते ने बच्चे को जबड़े में दबा लिया। यह सब होते जब मां ने देखा तो वह सब छोड़कर अपनी संतान को बचाने में लग गई। 10 मिनट बाद मां की जीत हुई।
श्योपुर, एजेंसी मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) से एक मादा चीता को उसके
चीता वायु मध्य प्रदेश के श्योपुर शहर पहुंच गया है। शहर की सड़कों पर दौड़ते उसका 6 मिनट का वीडियो भी सामने आया है। चीते के आस-पास चल रहे भारी वाहनों के चलते उसे खतरा भी हो सकता था। इससे कूनो प्रबंधन के चीता पर नजर रखे जाने के दावे पर सवाल खड़े हो गए हैं।
रविवार को नरहौली गांव में खेत में 30 फीट गहरे कुएं में एक मादा कबर बिज्जू और उसके दो बच्चे गिर गए। वन विभाग की टीम ने चार घंटे की मेहनत के बाद उन्हें सुरक्षित निकाला और प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया।...
पूर्व में एनटीसीए और भारतीय वन्यजीव संस्थान के साथ का कर चुके वेब सीरीज बनाने वालों ने परियोजना के क्रियान्वयन के लिए 50 लाख रुपए की वित्तीय सहायता को लेकर मध्य प्रदेश पर्यटन और ‘एमपी टाइगर फाउंडेशन’ से भी संपर्क किया है।
चीतों के अगले बैच को गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में लाया जाएगा जिसे चीतों के रहने के लिए दूसरे घर के रूप में चुना गया है। गौरतलब है कि कुनो राष्ट्रीय उद्यान में पहले से ही चीतों की क्षमता से 20 अधिक चीते हैं।
कुनो के बाद मध्य प्रदेश सरकार चीतों के लिए राज्य में दूसरा घर बनाने वाली है। इसके लिए तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं। केन्या और दक्षिण अफ्रीका की टीम दौरा कर चुकी है।
मध्यप्रदेश के कूनो अभ्यारण्य से एक चीता निकलकर राजस्थान के करौली के मंडरायल डांग क्षेत्र के सिमारा गांव में आ गया। चीता को देखा तो ग्रामीणों में दहशत है। वन अधिकारी मौके पर पहुंच गए है।