You invented new law: Supreme Court dismayed over Madhya Pradesh High Court refusing bail ‘आपने नया कानून बनाया’, MP हाईकोर्ट द्वारा जमानत देने से इनकार पर सुप्रीम कोर्ट नाराज, Madhya-pradesh Hindi News - Hindustan
Hindi Newsमध्य प्रदेश न्यूज़You invented new law: Supreme Court dismayed over Madhya Pradesh High Court refusing bail

‘आपने नया कानून बनाया’, MP हाईकोर्ट द्वारा जमानत देने से इनकार पर सुप्रीम कोर्ट नाराज

सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के एक आदेश पर नाराजगी जताई है। हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि सजा के निलंबन के लिए दोषी की याचिका व्यक्ति तभी स्वीकार की जा सकती है, जब उसने अपनी आधी सजा काट ली हो।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। पीटीआईFri, 18 April 2025 06:13 PM
share Share
Follow Us on
‘आपने नया कानून बनाया’, MP हाईकोर्ट द्वारा जमानत देने से इनकार पर सुप्रीम कोर्ट नाराज

सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के एक आदेश पर नाराजगी जताई है। हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि सजा के निलंबन के लिए दोषी की याचिका व्यक्ति तभी स्वीकार की जा सकती है, जब उसने अपनी आधी सजा काट ली हो।

जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जवल भुइयां की बेंच ने एक व्यक्ति की जमानत याचिका मंजूर कर ली। बेंच ने अपने आदेश कहा कि यदि लंबित मामलों की बड़ी संख्या के कारण हाईकोर्टों में निकट भविष्य में दोषसिद्धि के खिलाफ की गई अपील पर सुनवाई की कोई संभावना नहीं है तो दोषी को जमानत प्रदान की जानी चाहिए।

बेंच ने 17 अप्रैल को सुनाए अपने फैसले कहा, "हम हैरान हैं कि हाईकोर्ट ने एक नए कानून का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसका कोई आधार नहीं है।''

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट को कानून को उसी रूप में लागू करना चाहिए, जैसा वह है और याचिकाकर्ता को जमानत के लिए उसके समक्ष जाने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।

हाईकोर्ट के आदेश में कहा गया था, “इस तथ्य को देखते हुए कि याचिकाकर्ता की पैंट की जेब से दागदार नोट बरामद किए गए हैं और इसके लिए कोई सफाई नहीं दी गई है, ऐसे में सजा को निलंबित करने और जमानत देने का कोई मामला नहीं बनता है।”

इसमें आगे कहा गया, "पहली अर्जी खारिज किए जाने के दो महीने से भी कम समय बाद दूसरा अर्जी दायर की गई। इसके अनुसार, यह साफ किया जाता है कि याचिकाकर्ता छूट सहित जेल में आधी सजा काटने के बाद सजा के निलंबन के लिए अपनी अर्जी को फिर से पेश कर सकता है।''

सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि उसके कई फैसलों के बावजूद ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्टों ने कानून के सामान्य उल्लंघन से जुड़े मामलों में भी आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया। 

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।