NEP 20202 Supriya Sule says Insult of Marathi language will not be tolerated मराठी भाषा का अपमान बर्दाश्त नहीं, हिंदी अनिवार्य किए जाने पर भड़कीं सुप्रिया सुले, Maharashtra Hindi News - Hindustan
Hindi Newsमहाराष्ट्र न्यूज़NEP 20202 Supriya Sule says Insult of Marathi language will not be tolerated

मराठी भाषा का अपमान बर्दाश्त नहीं, हिंदी अनिवार्य किए जाने पर भड़कीं सुप्रिया सुले

  • बारामती की सांसद ने कहा, ‘महाराष्ट्र में सीबीएसई बोर्ड को अनिवार्य बनाने के शिक्षा मंत्री के बयान का विरोध करने वालों में मैं सबसे पहले थी। मौजूदा राज्य बोर्ड को CBSE से बदलने की क्या जरूरत है?'

Niteesh Kumar भाषाSat, 19 April 2025 04:39 PM
share Share
Follow Us on
मराठी भाषा का अपमान बर्दाश्त नहीं, हिंदी अनिवार्य किए जाने पर भड़कीं सुप्रिया सुले

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की नेता सुप्रिया सुले ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर बड़ा बयान दिया। शनिवार को उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में एनईपी-2020 को जबरन लागू करके मराठी को नजरअंदाज करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दरअसल, महाराष्ट्र सरकार ने राज्य भर के मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पहली कक्षा से 5वीं तक के छात्रों के लिए हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा बनाने का फैसला लिया है। इस पर विपक्षी दलों की ओर से भारी आक्रोश जताया जा रहा है। पुणे में पत्रकारों से बातचीत में बारामती की सांसद ने कहा, ‘महाराष्ट्र में सीबीएसई बोर्ड को अनिवार्य बनाने के शिक्षा मंत्री के बयान का विरोध करने वालों में मैं सबसे पहले थी। मौजूदा राज्य बोर्ड को CBSE से बदलने की क्या जरूरत है? भाषा के मुद्दे पर चर्चा करने से पहले हमें राज्य में बुनियादी शिक्षा ढांचे के बारे में बात करनी चाहिए।’

ये भी पढ़ें:बहाने बंद करो; हिंदू नेता की हत्या पर भारत ने यूनुस सरकार को घेरा, जताया ऐतराज
ये भी पढ़ें:फडणवीस ने खेल बिगाड़ा, संग्राम थोपटे के ऱझ में जाने की चर्चा पर बोली कांग्रेस

सुप्रिया सुले ने गैर सरकारी संगठन प्रथम फाउंडेशन की ओर से जारी वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट (असर) का हवाला दिया। उन्होंने गणित, विज्ञान और भाषाओं में छात्रों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने की आवश्यकता पर बल दिया। सुले ने कहा कि सरकार को NEP को लागू करने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इससे छात्रों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और शिक्षक इस बदलाव के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर महाराष्ट्र में एनईपी के लागू होने से मराठी भाषा को कोई नुकसान होता है, तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मराठी को प्राथमिकता दी जाएगी।’

भाषा को लेकर क्या है सुप्रिया सुले की मांग

एनसीपी (एसपी) की लीडर ने कहा कि अगर दूसरी भाषाएं शुरू की जा रही हैं, तो माता-पिता को भाषा चुनने का विकल्प होना चाहिए। सुप्रिया सुले ने कहा, ‘किसी भी चीज को अनिवार्य बनाना उचित नहीं है। मराठी राज्य के निवासियों की मातृभाषा है और इसे पहली भाषा ही रहना चाहिए।’ सुले ने ससून जनरल हॉस्पिटल की उस रिपोर्ट की भी आलोचना की, जिसमें गर्भवती महिला को दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में 10 लाख रुपये जमा न कराने पर भर्ती करने से मना कर दिया गया था। मामले में महिला की मौत हो गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि रिपोर्ट में अस्पताल और स्त्री रोग विशेषज्ञ के प्रति नरम रुख अपनाया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसी रिपोर्ट को जला दिया जाना चाहिए।