Baba Ramdev Delhi High Court of removal of Sharbat Jihad advertisement 'शरबत जिहाद' वाले सभी विज्ञापन हटाएंगे, हाईकोर्ट की फटकार के बाद रामदेव पीछे हटे, India Hindi News - Hindustan
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'शरबत जिहाद' वाले सभी विज्ञापन हटाएंगे, हाईकोर्ट की फटकार के बाद रामदेव पीछे हटे

  • इससे पहले बाबा रामदेव ने अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने किसी ब्रांड या समुदाय का नाम नहीं लिया।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 22 April 2025 01:42 PM
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'शरबत जिहाद' वाले सभी विज्ञापन हटाएंगे, हाईकोर्ट की फटकार के बाद रामदेव पीछे हटे

योग गुरु और पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापक बाबा रामदेव ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में आश्वासन दिया कि वह ‘हमदर्द’ के रूह अफजा पर अपनी कथित ‘‘शरबत जिहाद’’ टिप्पणी से संबंधित वीडियो और सोशल मीडिया पोस्ट तुरंत हटा लेंगे। उनका यह बयान अदालत की उस टिप्पणी के तुरंत बाद आया है जिसमें कहा गया है कि रामदेव का यह बयान अनुचित है और इसने अदालत की अंतरात्मा को झकझोर दिया है।

‘हमदर्द’ के वकील ने उच्च न्यायालय को बताया कि हाल में पतंजलि के गुलाब शरबत का प्रचार करते हुए रामदेव ने दावा किया था कि ‘हमदर्द’ के ‘रूह अफजा’ से अर्जित धन का उपयोग मदरसे और मस्जिद बनाने में किया गया। बाद में रामदेव ने अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने किसी ब्रांड या समुदाय का नाम नहीं लिया।

रामदेव की ‘पतंजलि फूड्स लिमिटेड’ के खिलाफ ‘हमदर्द नेशनल फाउंडेशन इंडिया’ की याचिका पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति अमित बंसल ने कहा, ‘‘इसने अदालत की अंतरात्मा को झकझोर दिया है। यह उचित नहीं है। आप (रामदेव के वकील) अपने मुवक्किल से निर्देश लें, अन्यथा सख्त आदेश दिया जाएगा।’’

यह नफरत फैलाने वाला भाषण- हमदर्द

‘हमदर्द’ का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह मामला अपमान से परे है। उन्होंने कहा कि यह ‘‘सांप्रदायिक विभाजन’’ पैदा करने का मामला है। रोहतगी ने कहा, ‘‘यह नफरत फैलाने वाला भाषण है। वह (रामदेव) कहते हैं कि यह ‘‘शरबत जिहाद’’ है। उन्हें अपने काम से मतलब रखना चाहिए। वह हमें क्यों परेशान कर रहे हैं?’’

कुछ समय बाद मामले की सुनवाई फिर से शुरू होने पर रामदेव के वकील ने कहा कि वह अपने विवादास्पद बयानों से संबंधित सभी प्रिंट या वीडियो प्रारूप के विज्ञापन और सोशल मीडिया पोस्ट तुरंत हटा लेंगे।

अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर के बयान को रिकॉर्ड में दर्ज किया और रामदेव से पांच दिनों के भीतर हलफनामा दाखिल करने को कहा कि वह भविष्य में प्रतिस्पर्धियों के उत्पादों के संबंध में ऐसा कोई बयान, विज्ञापन या सोशल मीडिया पोस्ट जारी नहीं करेंगे। अदालत ने मामले को एक मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।

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क्या है पूरा मामला?

इस महीने की शुरुआत में, बाबा रामदेव ने पतंजलि के गुलाब शरबत का प्रचार करते हुए एक वीडियो में दावा किया था कि एक कंपनी (जिसे व्यापक रूप से हमदर्द माना गया) अपने शरबत की कमाई का उपयोग मस्जिदों और मदरसों के निर्माण के लिए करती है।

उन्होंने इस प्रक्रिया को 'शरबत जिहाद' करार दिया और कहा, "यदि आप उस शरबत को पीते हैं, तो मस्जिदें और मदरसे बनेंगे, लेकिन यदि आप पतंजलि का गुलाब शरबत पीते हैं, तो गुरुकुल, आचार्यकुलम, पतंजलि विश्वविद्यालय और भारतीय शिक्षा बोर्ड का विस्तार होगा।" इस वीडियो को 'पतंजलि प्रोडक्ट्स' के फेसबुक पेज पर शेयर किया गया था, जिसमें कैप्शन में लिखा था, "अपने परिवार और मासूम बच्चों को 'शरबत जिहाद' और कोल्ड ड्रिंक्स के नाम पर बिकने वाले टॉयलेट क्लीनर जैसे जहर से बचाएं। केवल पतंजलि शरबत और जूस घर लाएं।"

(इनपुट एजेंसी)