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यह काम तो इंदिरा गांधी भी नहीं कर पाई थीं, सदन में पाकिस्तान को लेकर क्या बोले एस जयशंकर

  • संसद में प्रश्नकाल के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान धर्मांध और कट्टरपंथी देश है और उसकी मानसिकता तो इंदिरा गांधी भी नहीं बदल पाई थीं।

Ankit Ojha लाइव हिन्दुस्तानFri, 28 March 2025 02:49 PM
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यह काम तो इंदिरा गांधी भी नहीं कर पाई थीं, सदन में पाकिस्तान को लेकर क्या बोले एस जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की चिंताजनक स्थिति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाए जाने का जिक्र करते हुए शुक्रवार को कहा कि हम ऐसे पड़ोसी देश की मानसिकता नहीं बदल सकते जिसकी सोच धर्मांधता और कट्टरता वाली है। उन्होंने कहा कि ऐसे देश की मानसिकता तो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी नहीं बदल पाई थीं। जयशंकर ने लोकसभा में प्रश्नकाल में यह भी कहा कि पाकिस्तान में हिंदुओं समेत धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमलों और उनके उत्पीड़न के अनेक मामले सामने आने के बावजूद वहां की सरकार अपने यहां अल्पसंख्यकों के संरक्षण के लिए कोई कार्रवाई नहीं करती।

करीब से नजर रखती है सरकार- एस जयशंकर

विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार पाकिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले व्यवहार पर करीब से नजर रखती है और उनके उत्पीड़न के मामलों को संयुक्त राष्ट्र समेत अनेक अंतरराष्ट्रीय मंचों पर समय-समय पर उठाती रहती है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में फरवरी माह में हिंदुओं पर अत्याचार के 10 मामले, सिखों के उत्पीड़न के दो मामले और ईसाई समुदाय के एक व्यक्ति के साथ ज्यादती का एक मामला सामने आया।

विदेश मंत्री ने इनमें अपहरण, जबरन धर्मांतरण और होली खेल रहे छात्रों पर पुलिस कार्रवाई के मामले गिनाए। उन्होंने कहा कि एक मामला अहमदिया समुदाय से जुड़े लोगों के उत्पीड़न का भी सामने आया। जयशंकर ने कहा कि बांग्लादेश में 2024 में अल्पसंख्यकों पर हमले के 2400 मामले सामने आए और 2025 में अभी तक ऐसे 75 मामले दर्ज किए गए हैं।

उन्होंने कहा, ‘मैंने वहां के विदेश मंत्री के साथ इन मामलों को उठाया। हमारे विदेश सचिव ने बांग्लादेश यात्रा के दौरान इस विषय को उठाया। यह भारत सरकार के लिए चिंता का कारण बना हुआ है।’ पाकिस्तान में हिंदुओं की घटती जनसंख्या और उनके धार्मिक उत्पीड़न के संबंध में शिवसेना (उबाठा) सदस्य अरविंद सावंत के पूरक प्रश्न के उत्तर में जयशंकर ने कहा, ‘हम एक देश और एक सरकार होने के नाते ऐसे पड़ोसी देश की मानसिकता नहीं बदल सकते जिसकी सोच धर्मांधता और कट्टरता वाली है। इंदिरा गांधी भी ऐसा नहीं कर सकी थीं।’’

सावंत ने प्रश्न पूछते हुए कहा, ‘मैं समझता हूं कि राजनीतिक रूप से सरकार कार्रवाई कर रही है लेकिन अब भी परिणाम नहीं मिल रहे।’ उन्होंने 1971 में पूर्वी पाकिस्तान से बांग्लादेश बनाए जाने के ऐतिहासिक घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा, ‘आज भी इंदिरा गांधी की याद आती है। वैसी कड़ी कार्रवाई हमारी सरकार करेगी क्या?’

भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद के पूरक प्रश्न के उत्तर में विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ कई मामले सार्वजनिक होने और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाए जाने के बावजूद पड़ोसी देश की सरकार अपने यहां अल्पसंख्यकों के संरक्षण के लिए कोई कार्रवाई नहीं करती।