Foreign Minister Jaishankar teaches Nobel laureate Muhammad Yunus Highlights India Longest Bay of Bengal Coast line 'बंगाल की खाड़ी में सबसे लंबी तटरेखा हमारी', FM जयशंकर ने मोहम्मद यूनुस को पढ़ाया भूगोल; कूटनीति, India Hindi News - Hindustan
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'बंगाल की खाड़ी में सबसे लंबी तटरेखा हमारी', FM जयशंकर ने मोहम्मद यूनुस को पढ़ाया भूगोल; कूटनीति

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया और नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने कहा था कि भारत के पूर्वोत्तर के सात राज्य स्थलबद्ध (लैंड लॉक्ड) हैं, इसलिए बंगाल की खाड़ी और सटे हिन्द महासागर का वह अकेला संरक्षक है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, बैंकॉकThu, 3 April 2025 01:55 PM
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'बंगाल की खाड़ी में सबसे लंबी तटरेखा हमारी', FM जयशंकर ने मोहम्मद यूनुस को पढ़ाया भूगोल; कूटनीति

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत को बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल यानी बिमस्टेक (BIMSTEC) में अपनी जिम्मेदारी का एहसास है और वह आर्थिक और भू-राजनीतिक गतिविधियों से अवगत है। उन्होंने कहा कि भारत का मानना है कि क्षेत्रीय सहयोग एक एकीकृत दृष्टिकोण है न कि चुनिंदा विषयों पर आधारित है। उन्होंने यह भी कहा कि बंगाल की खाड़ी में भारत की सबसे लंबी तटरेखा है।

उनका यह बयान बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया और नोबेल पुरस्कार विजेता और अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने चीन के दौरे पर कहा था कि भारत के पूर्वोत्तर के सात राज्य स्थलबद्ध (लैंड लॉक्ड) हैं, इसलिए बंगाल की खाड़ी और सटे हिन्द महासागर का वह अकेला संरक्षक है। माना जा रहा है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर का नवीनतम बयान कि बंगाल की खाड़ी में भारत की सबसे लंबी तटरेखा भारत की है, मोहम्मद यूनुस पर एक तरह का अप्रत्यक्ष कटाक्ष है। यूनुस के बयान ने विवाद खड़ा कर दिया था। यूनुस ने हाल ही में चीनी सरकार से अपने देश के भीतर एक आर्थिक आधार स्थापित करने का आग्रह किया था और इस बात पर जोर दिया था कि बांग्लादेश इस क्षेत्र में "महासागर का एकमात्र संरक्षक" है।

थाईलैंड में 6ठा बिम्सटेक शिखर सम्मेलन

थाईलैंड में 6ठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए, जयशंकर ने कहा, "बंगाल की खाड़ी के आसपास और समीपवर्ती देशों के साझा हित और साझा चिंताएं हैं। इनमें से कुछ हमारे इतिहास से निकलती हैं, जिसे अन्य प्राथमिकताओं और क्षेत्र की भलाई के लिए पीछे छोड़ दिया गया है।" उन्होंने कहा कि भारत को अपनी सीमा, प्राथमिकताएं और जिम्मेदारी पता हैं। बंगाल की खाड़ी में 6500 किलोमीटर की भारत की सबसे लंबी तटरेखा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत इस क्षेत्र में न केवल बिम्स्टेक के पांच सदस्य देशों के साथ सीमा साझा करता है बल्कि उनके साथ बेहतर संपर्क भी रखता है और भारतीय उपमहाद्वीप और आसियान देशों के बीच भी बहुत अधिक इंटरफेस प्रदान करता है।

पूर्वोत्तर बिम्सटेक के लिए एक कनेक्टिविटी हब

जयशंकर ने कहा, "हमारा पूर्वोत्तर क्षेत्र विशेष रूप से बिम्सटेक के लिए एक कनेक्टिविटी हब के रूप में उभर रहा है, जिसमें सड़कों, रेलवे, जलमार्गों, ग्रिड और पाइपलाइनों का असंख्य नेटवर्क है। इसके अलावा, त्रिपक्षीय राजमार्ग का पूरा होना भारत के उत्तर पूर्व को प्रशांत महासागर तक जोड़ देगा, जो वास्तव में एक गेम-चेंजर होगा।" जयशंकर ने आगे कहा कि एक क्षेत्र विशेष पर केंद्रित दृष्टिकोण को “चेरी-पिकिंग” कहा जाना चाहिए। ऐसे दृष्टिकोण की बजाय क्षेत्रीय सहयोग पर अधिक व्यापक और समावेशी दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है।

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बैंकॉक पहुंचे PM मोदी

उधर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी बृहस्पतिवार को छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक पहुंच चुके हैं। थाईलैंड की अपनी यात्रा के दौरान वह अपनी समकक्ष पैंटोगटार्न शिनावात्रा के साथ वार्ता करेंगे। यहां के डॉन मुआंग हवाई अड्डे पर उनके आगमन पर सिख समुदाय के लोगों ने भांगड़ा किया। थाईलैंड की यात्रा समाप्त करने के बाद वह श्रीलंका जाएंगे, जो देश में नए राष्ट्रपति के चुनाव के बाद प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी।

बृहस्पतिवार शाम को प्रधानमंत्री की मौजूदगी में थाईलैंड, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, म्यांमार और भूटान के बिम्सटेक (बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल) नेताओं के साथ समुद्री सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर होंगे। बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में मोदी नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस और म्यांमार के सैन्य नेता मिन आंग हलिंग सहित अन्य लोगों से मुलाकात करेंगे।