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पूर्व जासूस 'CC1' के खिलाफ हो कार्रवाई, पन्नू हत्या साजिश मामले में भारतीय कमेटी ने दिए सुझाव

  • समिति ने कुछ संगठित आपराधिक समूहों और आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जिन्होंने भारत और अमेरिका दोनों के सुरक्षा हितों को कमजोर किया है।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 15 Jan 2025 05:51 PM
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पूर्व जासूस 'CC1' के खिलाफ हो कार्रवाई, पन्नू हत्या साजिश मामले में भारतीय कमेटी ने दिए सुझाव

केंद्र सरकार द्वारा गठित एक उच्चस्तरीय समिति ने खालिस्तानी आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप में एक पूर्व भारतीय खुफिया अधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की है। इस अधिकारी को अमेरिकी चार्जशीट में 'CC-1' कहा गया था। बाद में अमेरिका की जांच एजेंसी एफबीआई ने CC-1 का नाम विकास यादव बताया था। अमेरिकी एजेंसी ने कहा था कि विकास यादव कैबिनेट सचिवालय में कार्यरत था जहां भारत की विदेशी खुफिया एजेंसी अनुसंधान एवं विश्लेषण विंग (रॉ) का मुख्यालय है। हालांकि भारत सरकार ने बाद में स्पष्ट किया कि संबंधित व्यक्ति अब सरकारी कर्मचारी नहीं है।

अब इस मामले में एक उच्चस्तरीय जांच समिति ने कुछ संगठित आपराधिक समूहों और आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जिन्होंने भारत और अमेरिका दोनों के सुरक्षा हितों को कमजोर किया है। खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश भारतीय एजेंटों द्वारा किए जाने के अमेरिका के आरोप के बाद जांच का आदेश दिया गया था। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने एक बयान में कहा कि लंबी जांच के बाद समिति ने एक व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की है, जिसके पिछले आपराधिक संबंध और पृष्ठभूमि भी जांच के दौरान सामने आई थी। हालांकि, गृह मंत्रालय के बयान में किसी ऐसे व्यक्ति का नाम नहीं बताया गया जिसके खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है।

गृह मंत्रालय ने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों के सुरक्षा हितों को कमजोर करने वाले कुछ संगठित आपराधिक समूहों, आतंकवादी संगठनों, मादक पदार्थ तस्करों आदि की गतिविधियों के बारे में अमेरिकी अधिकारियों से जानकारी प्राप्त होने पर भारत सरकार ने नवंबर 2023 में एक उच्चाधिकार प्राप्त जांच समिति गठित की। समिति ने खुद अपनी जांच की और अमेरिकी पक्ष द्वारा प्रदान किए गए सुरागों को भी फॉलो किया और इसे अमेरिकी अधिकारियों से पूर्ण सहयोग मिला। इस दौरान दोनों पक्षों ने दौरे भी किए। समिति ने विभिन्न एजेंसियों के कई अधिकारियों से आगे की पूछताछ की और इस संबंध में प्रासंगिक दस्तावेज की भी पड़ताल की। समिति ने अपनी रिपोर्ट में न केवल कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की है, बल्कि सरकार को प्रणालीगत सुधारों की भी सलाह दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मामले से जुड़े व्यक्ति के आपराधिक इतिहास और संपर्कों की भी जांच की गई।

समिति ने सिफारिश की है कि कानूनी कार्रवाई तेजी से पूरी की जानी चाहिए। बयान में कहा गया है, ‘‘समिति ने प्रणालियों और प्रक्रियाओं में कार्यात्मक सुधार की सिफारिश की है तथा ऐसे कदम उठाने की भी सिफारिश की है, जिससे भारत की प्रतिक्रिया क्षमता मजबूत हो सके, इस तरह के मामलों से निपटने में व्यवस्थित नियंत्रण और समन्वित कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।’’

साजिश का खुलासा और अमेरिका का सहयोग

अमेरिकी न्याय विभाग ने 2023 में इस साजिश का खुलासा किया था। अमेरिकी अभियोजकों के अनुसार, विकास यादव और भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता ने मिलकर पन्नू की हत्या के लिए एक हत्यारे को 100,000 डॉलर का भुगतान करने की योजना बनाई थी। निखिल गुप्ता को जून 2023 में प्राग से गिरफ्तार किया गया और जून 2024 में अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया। भारतीय समिति ने अमेरिका के साथ मिलकर मामले की गहन जांच की। समिति ने अक्टूबर 2024 में वॉशिंगटन डीसी का दौरा किया और अमेरिकी अधिकारियों के साथ इस मामले पर चर्चा की। गृह मंत्रालय के अनुसार, "समिति को अमेरिकी अधिकारियों से पूरी सहायता मिली और दोनों पक्षों ने सूचनाओं का आदान-प्रदान किया।"

अमेरिकी अभियोग में आरोप लगाया गया है कि विकास यादव ने निखिल गुप्ता के साथ मिलकर 2023 की गर्मियों में सिख अलगाववादी नेता की हत्या की साजिश रची थी। गुप्ता ने भाड़े पर एक व्यक्ति को इस हत्या को अंजाम देने का काम सौंपा था। अज्ञात व्यक्ति एफबीआई का मुखबिर था, जिसने इस काम के लिए 1,00,000 अमेरिकी डॉलर मांगे थे और नौ जून, 2023 को अग्रिम भुगतान के रूप में उसे 15,000 अमेरिकी डॉलर मिले थे। यह सारा घटनाक्रम तब का है जब राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रधानमंत्री मोदी को 22 जून को ऐतिहासिक राजकीय यात्रा पर आमंत्रित किया था।

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पृष्ठभूमि में कनाडा का विवाद

यह मामला ऐसे समय में सामने आया जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय अधिकारियों पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था। भारत ने ट्रूडो के आरोपों को "बेतुका और प्रेरित" बताया था, लेकिन अमेरिकी अभियोग पर गंभीरता से जांच करने का आश्वासन दिया। गुरुपतवंत सिंह पन्नू सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) संगठन का प्रमुख है और भारत में आतंकवादी घोषित किया गया है।