Masood Azhar entire family was wiped out in Operation Sindoor 14 people including his wife and son died ऑपरेशन सिंदूर में मसूद अजहर का पूरा परिवार खत्म, बोला- अच्छा होता मैं भी मर जाता, India Hindi News - Hindustan
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ऑपरेशन सिंदूर में मसूद अजहर का पूरा परिवार खत्म, बोला- अच्छा होता मैं भी मर जाता

सूत्रों का कहना है कि ये सभी लोग उस समय मरकज परिसर में मौजूद थे जब भारत ने आतंकवादी ठिकानों को लक्षित कर हमला किया। इसे जैश का प्रमुख प्रशिक्षण और संचालन मुख्यालय माना जाता है, जहां पुलवामा जैसे हमलों की साजिश रची जाती रही है।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानWed, 7 May 2025 12:46 PM
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ऑपरेशन सिंदूर में मसूद अजहर का पूरा परिवार खत्म, बोला- अच्छा होता मैं भी मर जाता

Operation Sindoor: पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख अड्डे मरकज सुब्हान अल्लाह पर भारतीय सेना द्वारा किए गए स्ट्राइक में मसूद अजहर की पत्नी, बेटा और बड़ी बहन सहित उसके पूरे परिवार के 10 लोगों के मारे जाने की खबर सामने आ रही है। टीवी रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले में मसूद की बड़ी बहन, बहनोई और चार करीबी गुर्गे के मारे जाने की खबर सामने आ रही है। मारे गए लोगों में मौलाना काशिफ, उसका परिवार, मौलाना अब्दुल रऊफ की बड़ी बेटी, पोते और चार बच्चे शामिल हैं। इस हमले में परिवार के खात्मे के बाद मसूद अजहर काफी परेशान है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उसने कहा- अच्छा होता कि मैं भी मर जाता।

सूत्रों का कहना है कि ये सभी लोग उस समय मरकज परिसर में मौजूद थे जब भारत ने आतंकवादी ठिकानों को टारगेट कर हमला किया। इसे जैश का प्रमुख प्रशिक्षण और संचालन मुख्यालय माना जाता है, जहां पुलवामा जैसे हमलों की साजिश रची जाती रही है।

बीबीसी उर्दू ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत ने बहावलपुर इलाके में सुभान अल्लाह केंद्र को निशाना बनाया है। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता के अनुसार, बहावलपुर के पास अहमदपुर शर्किया इलाके में स्थित सुभान मस्जिद को चार हमले किए गए। एक मस्जिद पूरी तरह से ध्वस्त हो गई। बहावलपुर प्रतिबंधित संगठन जैश-ए-मोहम्मद का केंद्रीय मुख्यालय भी है और मदरसा अल-सबीर और जामिया मस्जिद अल-सुभान इसका हिस्सा हैं।

भारतीय ऑपरेशन के बाद जारी एक बयान में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर ने अपने परिवार के दस सदस्यों और चार करीबी सहयोगियों के मारे जाने की पुष्टि की है। पत्रकार अहमद एजाज के अनुसार, यह मदरसा और मस्जिद सुभान अल्लाह देश के मुख्य राजमार्ग एन-5 पर स्थित है। इसे बहावलपुर बाईपास कहा जाता है और इस इलाके को अहमदपुर शर्किया रोड कहा जाता है। उनके अनुसार, यह मस्जिद और मदरसा स्थानीय आबादी से आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और इसके पीछे और बाएं-दाएं खेत हैं जबकि सामने मुख्य सड़क के दूसरी तरफ एक छोटा सा जंगल है।

यहां पढ़ाने वाले एक शिक्षक ने बीबीसी को बताया कि मदरसा 20 से 25 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है और शिक्षकों के आवास के अलावा इसके भीतर एक कब्रिस्तान भी है। उनके अनुसार, जिस समय वे इस मदरसे में अध्यापन से जुड़े थे उस दौरान यहां करीब 800 छात्र पढ़ते थे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमले से कुछ दिन पहले ही मस्जिद और मदरसे को छात्रों और शिक्षकों से खाली करा लिया गया था।

स्थानीय पत्रकार राजा शफकत महमूद कहते हैं कि मंगलवार रात जब पहला धमाका सुना गया तो आस-पास के इलाके के स्थानीय लोग घटनास्थल पर पहुंचे और कुछ ही देर बाद दूसरा धमाका हुआ। उनका कहना है कि स्थानीय निवासियों के अनुसार, विस्फोट की तीव्रता इतनी थी कि दो किलोमीटर दूर स्थित घरों की खिड़कियां टूट गईं।

जैश के संस्थापक मौलाना मसूद अजहर का जन्म बहावलपुर में हुआ था और वह वहां एक भारी सुरक्षा वाले परिसर में रहता है। जैश-ए-मोहम्मद पर आधिकारिक तौर पर 2002 में प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन दंडात्मक उपाय केवल कागजों पर ही लागू किया गया था, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद को अपने शिविर चलाने की पूरी आजादी दी गई थी।