जाति जनगणना कराएगी मोदी सरकार, किस बिरादरी के कितने लोग; निकलेगा पूरा आंकड़ा
पीएम नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की मीटिंग की अध्यक्षता की। इसके अलावा उन्होंने आज ही कैबिनेट की बैठक की और राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमिटी की भी मीटिंग की। यही नहीं आर्थिक मामलों की समिति की मीटिंग भी नरेंद्र मोदी ने बुलाई।

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जाति जनगणना करने का फैसला लिया है। देश भर में शुरू होने वाली जनगणना के साथ ही यह आंकड़ा भी जुटाया जाएगा। इसके तहत जनगणना के फॉर्म में ही जाति का भी कॉलम होगा। इसके आधार पर ही जानकारी जुटाई जाएगी कि देश में किस जाति के कितने लोग हैं। राहुल गांधी, अखिलेश यादव जैसे नेता लगातार मांग करते रहे हैं कि जाति जनगणना कराई जाए ताकि संसाधनों के बंटवारे, आरक्षण और लाभ के लिए नीतियां बनाने में मदद मिल सके। राहुल गांधी तो कई बार कहते रहे हैं कि हम सत्ता में आएंगे तो जाति जनगणना कराएंगे और आरक्षण की 50 फीसदी लिमिट को तोड़ देंगे। इस लिहाज से देखें तो विपक्ष के हाथ से सरकार ने जाति जनगणना वाले कार्ड को छीन लिया है।
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मोदी सरकार ने समाज के हर वर्ग के हित में कदम उठाए हैं और ऐसा बिना किसी बवाल के हुआ है। मोदी सरकार ने यह फैसला बिहार विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ही लिया है। बिहार में एनडीए को इसका फायदा भी मिल सकता है। बिहार वह राज्य है, जिसने सबसे पहले जाति जनगणना कराई थी। इसका श्रेय अब तक तेजस्वी यादव और राहुल गांधी जैसे नेता लेते रहे हैं, लेकिन अब चुनाव प्रचार में नीतीश कुमार और भाजपा को फायदा मिलने की उम्मीद है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कैबिनेट मीटिंग के फैसलों की जानकारी देते हुए इसके बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा से जातिगत जनगणना का विरोध किया है। दिवंगत पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने 2010 में संसद में कहा था कि इस पर विचार किया जाएगा, लेकिन उस पर अमल नहीं हुआ बल्कि एक सर्वे ही कराया गया। इसके बाद भी जाति जनगणना के विषय को INDI अलायंस के नेताओं ने अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि कई राज्यों ने जातियों की गणना की है, लेकिन यह केंद्रीय सूची का विषय है। कई राज्यों ने यह काम अच्छे से किया है, लेकिन कई प्रांतों में गैर-प्रमाणिक तरीके से यह काम हुआ है। दरअसल उनका इशारा कर्नाटक में हुई जाति जनगणना को लेकर था, जिसे लेकर वहां विवाद हो गया है।
नॉर्थ ईस्ट कॉरिडोर बनेगा, असम और मेघालय में होगी कनेक्टिविटी
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं। बुधवार को कैबिनेट मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सभी फैसलों की जानकारी दी। शिलॉन्ग से सिलचर तक हाईस्पीड कॉरिडोर हाईवे का निर्माण होगा। 22 हजार करोड़ रुपये का यह प्रोजेक्ट 166.8 किलोमीटर लंबा होगा। इससे असम को मेघालय से सीधे जोड़ने में आसानी होगी। इससे पूर्वोत्तर राज्यों के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी। इसके अलावा सीमांत इलाकों में भी रणनीतिक तौर पर बढ़त हासिल होगी। कैबिनेट मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह पूर्वोत्तर के लिए रणनीतिक रूप से अहम कॉरिडोर होगा। गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य 355 रुपये प्रति क्विंटल होगा। उन्होंने कहा कि आज गन्ने की उत्पादन 173 रुपये प्रति क्विंटल है। इस तरह से देखें तो लागत से दोगुना न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया गया है।
PM नरेंद्र मोदी ने बुलाईं ताबड़तोड़ 4 बैठकें
पीएम नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की मीटिंग की अध्यक्षता की। इसके अलावा उन्होंने आज ही कैबिनेट की बैठक की और राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमिटी की भी मीटिंग की। यही नहीं आर्थिक मामलों की समिति की मीटिंग भी नरेंद्र मोदी ने बुलाई। इस तरह पाकिस्तान से पहलगाम हमले को लेकर तनाव के बीच पीएम मोदी ने एक ही दिन में ताबड़तोड़ 4 बैठकें कीं। ये सारी बैठकें पीएम नरेंद्र मोदी के लोकल्याण मार्ग स्थित आधिकारिक आवास पर हुईं।