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आतंकवाद रोकने में नाकाम पाकिस्तान सरकार बौखलाई, भारत पर लगा दिए झूठे आरोप

  • विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने आरोप लगाया कि भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हत्याएं करवाने का एक अभियान चला रहा है।

Madan Tiwari लाइव हिन्दुस्तानThu, 20 March 2025 10:20 PM
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आतंकवाद रोकने में नाकाम पाकिस्तान सरकार बौखलाई, भारत पर लगा दिए झूठे आरोप

बलूचिस्तान में हो रहे बम धमाकों के बाद पाकिस्तान की शहबाज सरकार बौखला गई है। झूठा दावा करते हुए पाकिस्तान ने गुरुवार को भारत पर देश में आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि बलूचिस्तान को अस्थिर करने में नई दिल्ली की संलिप्तता बहुत स्पष्ट है। विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने आरोप लगाया कि भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हत्याएं करवाने का एक अभियान चला रहा है।

खान ने यहां साप्ताहिक प्रेसवार्ता में आरोप लगाया, ''भारत की संलिप्तता स्पष्ट है। वह पाकिस्तान में आतंकवाद (को बढ़ावा देने) में शामिल रहा है। और दूसरी बात, यह सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि सभी दक्षिण एशियाई देशों को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है।'' उन्होंने आरोप लगाया, ''पाकिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा देने और बलूचिस्तान को अस्थिर करने में भारत की संलिप्तता बिलकुल स्पष्ट है।''

यह टिप्पणी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के विद्रोहियों द्वारा 11 मार्च को बलूचिस्तान के बोलन जिले में जाफर एक्सप्रेस पर कब्जा कर यात्रियों को बंधक बनाए जाने की घटना के कुछ दिन बाद आई है। विद्रोहियों ने 21 यात्रियों और अर्धसैनिक बलों के चार जवानों को मार डाला जबकि सेना ने सभी 33 विद्रोहियों को मार गिराया।

खान ने कहा कि भारत ने जाफर एक्सप्रेस पर हमले की कभी निंदा नहीं की। पाकिस्तान ने पिछले सप्ताह भी ऐसा ही आरोप लगाया था, जिस पर नई दिल्ली की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई थी। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने 14 मार्च को कहा था, ''पूरी दुनिया जानती है कि वैश्विक आतंकवाद का केंद्र कहां है। पाकिस्तान को अपनी आंतरिक समस्याओं और असफलताओं के लिए दूसरों पर उंगली उठाने और दोष मढ़ने के बजाय अपने भीतर झांकना चाहिए।''

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नई दिल्ली में रायसीना डायलॉग के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा की गई टिप्पणियों के बारे में पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के प्रवक्ता खान ने कहा कि पाकिस्तान इस बात से चिंतित है कि जम्मू-कश्मीर के बारे में भारतीय नेतृत्व के 'अनुचित' बयानों की संख्या बढ़ गई है। खान ने कहा, ''यह भारत ही था जिसने 1948 में जम्मू-कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाया था। आज, उसे बाद में अपनाए गए प्रस्तावों के लिए सुरक्षा परिषद और उसके तत्कालीन सदस्यों को दोष देने का कोई अधिकार नहीं है।'' भारत ने पाकिस्तान से बार-बार कहा है कि जम्मू-कश्मीर देश का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा।