Rajya Sabha Chairman Jagdeep Dhankhar reacts over Justice Yashwant Varma, embroiled in cash discovery row ... वो तो निशाने पर ही आ जाते, संसद में उठा जस्टिस वर्मा का मामला तो ऐसा क्यों बोल पड़े सभापति धनखड़, India Hindi News - Hindustan
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... वो तो निशाने पर ही आ जाते, संसद में उठा जस्टिस वर्मा का मामला तो ऐसा क्यों बोल पड़े सभापति धनखड़

राज्य सभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि नकदी बरामदगी की ऐसी घटना अगर ऐसी किसी राजनेता, नौकरशाह या उद्योगपति से जुड़ी होती तो संबंधित व्यक्ति तुरंत निशाना बन जाता।

Pramod Praveen भाषा, नई दिल्लीFri, 21 March 2025 04:02 PM
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... वो तो निशाने पर ही आ जाते, संसद में उठा जस्टिस वर्मा का मामला तो ऐसा क्यों बोल पड़े सभापति धनखड़

दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से कथित तौर पर करोड़ों रुपये नकद बरामद होने से लोग अचरज में हैं। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उनका तबादला इलाहाबाद हाई कोर्ट में कर दिया है। हालांकि वहां के वकीलों ने इसका विरोध किया है। वहीं, दूसरी तरफ इस मुद्दे पर आज संसद में भी हंगामा हुआ। जैसे ही राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई, कांग्रेस के जयराम रमेश ने यह मुद्दा उठाते हुए न्यायिक जवाबदेही पर सभापति से जवाब मांगा और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग के संबंध में लंबित नोटिस के बारे में याद दिलाया। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि वह इस मुद्दे पर एक व्यवस्थित चर्चा आयोजित करने का रास्ता निकालेंगे।

रमेश ने कहा, ‘‘आज सुबह, हमने दिल्ली उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के आवास पर भारी मात्रा में नकदी पाए जाने के चौंकाने वाले मामले के बारे में पढ़ा।’’ उन्होंने यह भी बताया कि इससे पहले, 50 सांसदों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों के संबंध में सभापति को एक नोटिस सौंपा था। रमेश ने कहा कि सभापति ने खुद बार-बार न्यायिक जवाबदेही की तात्कालिकता के बारे में बात की है।

सभापति धनखड़ ने जताई चिंता

कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य ने धनखड़ को यह भी याद दिलाया कि उन्होंने इस मुद्दे पर सदन के नेता को निर्देश दिया था। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया इस पर कुछ टिप्पणियां करें और न्यायिक जवाबदेही बढ़ाने के लिए प्रस्ताव के साथ आने के लिए सरकार को आवश्यक निर्देश दें।’’ नकदी की कथित बरामदगी के मुद्दे पर धनखड़ ने कहा कि उन्हें जिस बात की चिंता है वह यह है कि यह घटना हुई लेकिन तत्काल सामने नहीं आई।

राजनेता, नौकरशाह या उद्योगपति तो निशाना बन जाता

उन्होंने कहा कि अगर ऐसी घटना किसी राजनेता, नौकरशाह या उद्योगपति से जुड़ी होती तो संबंधित व्यक्ति तुरंत निशाना बन जाता। उन्होंने ऐसे मामलों में ऐसी प्रणालीगत प्रतिक्रिया की वकालत की जो पारदर्शी, जवाबदेह और प्रभावी हो। सभापति ने आगे कहा कि वह सदन के नेता और विपक्ष के नेता से संपर्क करेंगे और सत्र के दौरान व्यवस्थित चर्चा के लिए तंत्र तलाशेंगे।

न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास से कथित तौर पर भारी नकदी बरामद होने पर एक वरिष्ठ वकील ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष दुख और हैरानी जताई। उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने कथित तौर पर न्यायमूर्ति वर्मा के आवास से भारी नकदी बरामद होने के आरोपों पर दिल्ली उच्च न्यायालय से उन्हें उनके मूल इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने का फैसला किया है।

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महाभियोग पर क्या बोले सभापति

महाभियोग मामले पर सभापति ने कहा कि उन्हें राज्यसभा के 55 सदस्यों से प्रतिवेदन मिला है। धनखड़ ने सदस्यों को आगे बताया कि उन्होंने हस्ताक्षरकर्ताओं से प्रतिनिधित्व तक सत्यापन प्राप्त करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अधिकांश सदस्यों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी, जिससे मुझे अपना कर्तव्य निभाने में मदद मिली।’’ उन्होंने शेष सदस्यों से उन्हें भेजे गए ई-मेल का जवाब देने की अपील की।

धनखड़ ने कहा कि अगर हस्ताक्षर करने वालों की संख्या 50 से ऊपर है तो वह उसी के अनुसार आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘ज्यादातर सदस्यों ने सहयोग किया है। जिन सदस्यों ने अभी तक अपना जवाब नहीं भेजा है वे कृपया उन्हें भेजे गए दूसरे मेल का जवाब दें। तब मेरे स्तर पर प्रक्रिया में देरी नहीं होगी, यहां तक कि एक पल के लिए भी नहीं।’’ सभापति ने सदन को यह भी सूचित किया कि प्रतिनिधित्व पर हस्ताक्षर करने वाले 55 सदस्यों में से एक सदस्य के हस्ताक्षर दो जगहों पर हैं और संबंधित सदस्य ने दूसरा हस्ताक्षर करने से इनकार किया है।