Bombay High Court Grants Bail to 19-Year-Old Student Criticizes Maharashtra Government for Overreaction भारत-पाक विवाद पर पोस्ट करने वाली छात्रा को राहत, India News in Hindi - Hindustan
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भारत-पाक विवाद पर पोस्ट करने वाली छात्रा को राहत

बॉम्बे हाई कोर्ट ने 19 वर्षीय छात्रा को जमानत देते हुए महाराष्ट्र सरकार की कड़ी आलोचना की। छात्रा को एक ऑनलाइन पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया गया था, जो भारत-पाकिस्तान संबंधों पर थी। कोर्ट ने कहा कि राज्य...

डॉयचे वेले दिल्लीWed, 28 May 2025 04:06 PM
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भारत-पाक विवाद पर पोस्ट करने वाली छात्रा को राहत

बॉम्बे हाई कोर्ट ने जेल में बंद 19 वर्षीय छात्रा को जमानत देते हुए महाराष्ट्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई.छात्रा को भारत-पाकिस्तान संबंधों के बारे में एक ऑनलाइन पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया गया था.बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को पुणे के एक कॉलेज से निष्कासित और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत-पाकिस्तान विवाद पर सोशल मीडिया पोस्ट करने के कारण 9 मई से जेल में बंद 19 वर्षीय छात्रा की तत्काल रिहाई का आदेश दिया.उसने छात्रा की गिरफ्तारी को "बेहद चौंकाने वाला" बताया और मौखिक रूप से कहा कि "राज्य की ओर से इस तरह की कट्टरपंथी प्रतिक्रिया लोगों को कट्टरपंथी बना देगी" छात्रा को मंगलवार देर रात यरवदा जेल से रिहा कर दिया गया.कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी के दो मामले, दो नजरिएक्या है मामला छात्रा पुणे की सिंहगढ़ अकैडमी ऑफ इंजीनियरिंग में बीटेक द्वितीय वर्ष की छात्रा है.छात्रा को 9 मई को निष्कासित कर दिया था, जब उसके खिलाफ पुणे के कोंढवा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी. उसे उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया था.अपनी याचिका में छात्रा ने दावा किया कि उसे कोई कारण बताओ नोटिस जारी किए बिना या सुनवाई का कोई मौका दिए बिना "मनमाने" तरीके से निष्कासित कर दिया गया और यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के साथ-साथ संविधान के अनुच्छेद 14, 19 (1) (ए) और 21 के तहत उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.याचिकाकर्ता ने दलील दी कि उसने बिना किसी गलत इरादे के इंस्टाग्राम पोस्ट को केवल दोबारा पोस्ट किया था और तुरंत माफी भी मांग ली थी.छात्रा के इस पोस्ट के वायरल होने के बाद उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 152, 196, 197, 299, 352, 353 के तहत मामला दर्ज किया गया था.छात्रा को राहत देते हुए न्यायमूर्ति गौरी गोडसे और न्यायमूर्ति सोमशेखर सुंदरेशन की अवकाशकालीन बेंच ने कहा कि यह एकदम चौंकाने वाला मामला है. सरकार ने छात्रा के साथ "कट्टर अपराधी" जैसा व्यवहार किया.उसे गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए था, क्योंकि उसने तुरंत ही पोस्ट को हटाते हुए इसके लिए खेद व्यक्त जाहिर किया था.यही नहीं, इसके लिए उसने माफी भी मांग ली थी.भारत में इतने "जासूस" अचानक कैसे हो रहे हैं गिरफ्तारकॉलेज को हाई कोर्ट ने लगाई फटकार कॉलेज की ओर से पेश वकील ने जब कहा कि यह कार्रवाई "राष्ट्रीय हित" को ध्यान में रखकर की गई है, तो बेंच ने टिप्पणी की, "कौन सा राष्ट्रीय हित? यह गलतियां करने और उन्हें सुधारने की उम्र है.वह पहले ही काफी कुछ झेल चुकी है.बेंच ने कहा एक छात्रा की टिप्पणी का राष्ट्रीय हित पर क्या प्रभाव पड़ेगा? अपने फैसले में हाई कोर्ट ने कहा, "आप उसके साथ अपराधी जैसा व्यवहार कर रहे हैं.उसने स्वीकार किया कि उसने गलती की है और उस पोस्ट को हटा दिया है.आपको उसे सुधारने की जरूरत है.आपको उसकी मदद करने की जरूरत है, या आप उसे अपराधी में बदलना चाहते हैं?"असम में क्यों हो रही हैं इतनी गिरफ्तारियां?कोर्ट ने छात्रा के कॉलेज की ओर से पारित निष्कासन आदेश को भी निलंबित कर दिया और संस्थान को उसे हॉल टिकट जारी करने का निर्देश दिया, ताकि वह परीक्षा में शामिल हो सके.कोर्ट ने छात्रा को भी भविष्य में जिम्मेदारी से काम करने और इस तरह के पोस्ट अपलोड करने से बचने की चेतावनी दी

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