कर्म पथ से सुगम होता है धर्म पथ का मार्ग - दुर्गेश आचार्य
Mau News - जिगना, हिन्दुस्तान संवाद । क्षेत्र के डंगहर गाँव में चल रही भागवत कथा के

जिगना, हिन्दुस्तान संवाद । क्षेत्र के डंगहर गाँव में चल रही भागवत कथा के तीसरे दिन हरिद्वार के कथावाचक राष्ट्रीय संत डा. दुर्गेश आचार्य ने ध्रुव व प्रहलाद जैसे पुरोधाओं के प्रसंग सुनाकर श्रोताओं को संस्कार, धर्म-संस्कृति का महत्व समझाया। कहा कि कौरव अनीति,अन्याय,अधर्म व असत्य के पोषक थे। जबकि पांडव नीति,न्याय,धर्म व सत्य के उपासक थे। कहा कि कर्म पथ से ही धर्म पथ का मार्ग सुगम होता है। जैसी करनी वैसी भरनी का मंत्र स्वप्न में भी नही भूलना चाहिए। कुंती ने श्रीकृष्ण से दुख के लिए आंचल फैलाया था। कहा कि हे प्रभू सुख में तो आप विस्मृत हो जाओगे दुख में भला कोई आपका स्मरण कैसे भूल सकता है।
बस यही जीवन है, भौतिक सुख-सुविधाओं के मोह जाल में आज का मानव सत्य व धर्म के मार्ग से भटक रहा है। अपने बच्चों को ध्रुव व प्रह्लाद जैसा संस्कार दीजिये अभाव में भी स्वभाव नहीं बदलेगा जीवन धन्य हो जाएगा। अंत में उन्होंने राष्ट्र धर्म, राष्ट्र भाषा तथा राष्ट्र भक्ति के प्रति समर्पित रहने की सीख दी। कुल पुरोहित आचार्य अशोक शुक्ल,यजमान रामेश्वर नाथ तिवारी,आदित्य नाथ तिवारी,अवधेश,दिनेश,प्रदीप,संतोष,संदीप आदि रहे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।